'बच्चों जैसे हैं', 'चमत्कार नहीं मानते..., प्रेमानंद महाराज पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य का तीखा हमला, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर मचा है बवाल
punjabkesari.in Monday, Aug 25, 2025 - 03:37 PM (IST)

नेशनल डेस्क: धार्मिक जगत में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। चित्रकूट स्थित तुलसी पीठ के प्रमुख जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने मथुरा के मशहूर संत प्रेमानंद महाराज पर एक विवादास्पद टिप्पणी की है, जिसके बाद सोशल मीडिया और संत समाज में तीखी बहस छिड़ गई है। रामभद्राचार्य ने एक इंटरव्यू में कहा कि प्रेमानंद महाराज उनके लिए 'बच्चे जैसे' हैं।
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प्रेमानंद महाराज पर किए गए गंभीर सवाल
रामभद्राचार्य ने प्रेमानंद महाराज की लोकप्रियता और उनके कथित चमत्कारों पर सवाल उठाए हैं।
चमत्कार पर चुनौती: जब पत्रकार ने पूछा कि प्रेमानंद महाराज पिछले 19 सालों से डायलिसिस पर हैं और उनके भक्त इसे चमत्कार मानते हैं, तो रामभद्राचार्य ने इसे खारिज कर दिया। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अगर प्रेमानंद महाराज उनके सामने संस्कृत का एक भी अक्षर बोल दें या किसी श्लोक का अर्थ समझा दें, तो ही वे इसे चमत्कार मानेंगे।
विद्वता पर सवाल: रामभद्राचार्य ने कहा कि आजकल कथावाचन का काम ऐसे लोग कर रहे हैं, जिन्हें धर्म और शास्त्रों का गहरा ज्ञान नहीं है। उन्होंने कहा कि वे प्रेमानंद महाराज को न तो विद्वान मानते हैं और न ही चमत्कारी संत।
लोकप्रियता को बताया 'क्षणभंगुर': रामभद्राचार्य ने यहाँ तक कहा कि प्रेमानंद महाराज की लोकप्रियता 'क्षणभंगुर' है, यानी यह ज्यादा समय तक नहीं रहेगी।
संत समाज की तीखी प्रतिक्रिया
रामभद्राचार्य के इस बयान के बाद संत समुदाय ने भी इस पर नाराजगी जताई है।
महंत केशव स्वरूप ब्रह्मचारी ने इस टिप्पणी को 'अनुचित' बताया और कहा कि चमत्कारी होने के लिए संस्कृत का ज्ञान जरूरी नहीं है। हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत राजू दास ने कहा कि दोनों ही संत अपने-अपने क्षेत्र में सम्मानित हैं और उन्हें एक-दूसरे पर इस तरह की टिप्पणी करने से बचना चाहिए।