Zomato ने आपकी प्राइवेसी बेच दी? अब रेस्टोरेंट सीधे करेंगे कॉल, प्रमोशनल मैसेज की आएगी बाढ़! जानिए पूरा मामला

punjabkesari.in Friday, Nov 21, 2025 - 01:22 PM (IST)

नेशनल डेस्क : Zomato ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत वह अब अपने ग्राहकों के फोन नंबर रेस्टोरेंट्स के साथ शेयर करने की तैयारी कर रहा है। सालों से रेस्टोरेंट उद्योग की यह मांग थी, जिसे पूरा करने के लिए Zomato ने यह कदम उठाया है। इस नई डेटा शेयरिंग पॉलिसी ने डेटा प्राइवेसी और ग्राहक की निजी जानकारी को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। Zomato नेशनल रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (NRAI) के साथ मिलकर इस योजना पर काम कर रहा है। जानकारी के मुताबिक Zomato का मुख्य राइवल Swiggy भी इसी तरह की बातचीत कर रहा है।

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क्या कर रहा है Zomato?

अभी तक Zomato और Swiggy जैसे डिलीवरी प्लेटफॉर्म ग्राहक के पसर्नल डिटेल्स (जैसे फोन नंबर) को 'मास्क' रखते थे, यानी रेस्टोरेंट्स को सीधे जानकारी नहीं मिलती थी। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर Zomato ने अब ग्राहकों को पॉप-अप मैसेज भेजना शुरू कर दिया है, जिसमें उनसे मार्केटिंग और प्रमोशनल संदेशों के लिए अपना फोन नंबर रेस्टोरेंट्स के साथ साझा करने की अनुमति मांगी जा रही है।

याद रखें: पॉप-अप में स्पष्ट रूप से लिखा है कि एक बार सहमति देने के बाद ग्राहक इसे वापस नहीं ले सकता है।

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रेस्टोरेंट क्यों मांग रहे थे डेटा?

NRAI लंबे समय से शिकायत कर रहा था कि डेटा मास्किंग उन्हें ग्राहकों के साथ सीधे जुड़ने से रोकती है। NRAI ने तो इस 'प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं' के खिलाफ Zomato और Swiggy के CCI में शिकायत भी दर्ज कराई थी।

रेस्टोरेंट्स का तर्क है कि सीधे डेटा मिलने से उन्हें ये लाभ होंगे:

  • उपभोग के पैटर्न को बेहतर ढंग से समझना।
  • मार्केटिंग लागत को सही तरीके से चैनलाइज़ करना।
  • ऑर्डर संबंधी समस्याओं या किसी खास प्राथमिकता की पुष्टि के लिए सीधे ग्राहक को कॉल करना।
  • ग्राहकों के लिए सेवाओं को पर्सनलाइज़ करना।

राजनीतिक विरोध और प्राइवेसी पर खतरा

Zomato के इस कदम ने सोशल मीडिया पर तत्काल एक गोपनीयता विवाद को जन्म दिया है। कई यूज़र्स इसे 'स्पैम मैसेजेस' की बाढ़ का गेट खोलने वाला बता रहे हैं।

प्रियंका चतुर्वेदी (राज्यसभा सांसद, शिवसेना UBT): उन्होंने इस कदम को 'डेटा गोपनीयता का उल्लंघन' बताया और कहा कि वह डेटा गोपनीयता कानूनों के उल्लंघन की जांच करने का अनुरोध करेंगी।

मिलिंद देवड़ा (राज्यसभा सांसद): उन्होंने प्राइवेसी के खतरे और बेहतर सेवा की आड़ में स्पैम बढ़ने के खतरे पर चिंता जताई। उन्होंने नए DPDP नियमों के अनुरूप स्पष्ट और स्पष्ट ऑप्ट-इन दिशानिर्देशों' की मांग की।

सुहेल सेठ (मार्केटिंग विशेषज्ञ): उन्होंने इस कदम को 'पूरी तरह अस्वीकार्य' बताया और उम्मीद जताई कि सरकार इसकी अनुमति नहीं देगी।

इस विवाद के बीच Zomato के सीईओ आदित्य मंगला ने चिंताओं को कम करने की कोशिश की है। उन्होंने लिंक्डइन पर पोस्ट किया कि अगर सहमति मिल जाती है, तो रेस्टोरेंट के साथ सिर्फ़ फ़ोन नंबर ही साझा किया जाएगा। कोई और जानकारी साझा नहीं की जाएगी।


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News Editor

Radhika

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