देशव्यापी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के लिए हरियाणा पूरी तरह तैयार – डॉ. सुमिता मिश्रा

punjabkesari.in Tuesday, May 06, 2025 - 08:29 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  केंद्र सरकार के निर्देश पर 7 मई को देशभर में आयोजित की जा रही सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल को लेकर हरियाणा ने पूरी तैयारी कर ली है। राज्य सरकार इस अभ्यास को सभी जिलों, कस्बों और गांवों में प्रभावी रूप से लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

इस संबंध में आज केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय वर्चुअल बैठक आयोजित की गई, जिसमें देश के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हरियाणा के मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) डॉ. सुमिता मिश्रा और सिविल डिफेंस एवं होम गार्ड्स के महानिदेशक श्री देशराज सिंह भी जुड़े।

बैठक  के बारे में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) डॉ. सुमिता मिश्रा ने  बताया  कि हरियाणा में मॉक ड्रिल को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन और स्थानीय निकायों के साथ समन्वय स्थापित कर तैयारी पूरी कर ली गई है। सभी उपायुक्तों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं। ये अधिकारी अपने जिलों में सिविल डिफेंस के पदेन नियंत्रक भी हैं।

उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत हरियाणा के 10 जिले — अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा, सोनीपत और यमुनानगर — सिविल डिफेंस श्रेणी-द्वितीय में शामिल हैं, जबकि झज्जर को श्रेणी-तृतीय में रखा गया है।

डॉ. मिश्रा ने बताया कि राज्य में सिविल डिफेंस सायरन, एयर रेड अलार्म सिस्टम, हॉटलाइन कंट्रोल रूम, और भारतीय वायुसेना सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियों से रेडियो कम्युनिकेशन लिंक को सक्रिय कर दिया गया है। अभ्यास के दौरान "ब्लैकआउट प्रोटोकॉल", लोगों की सुरक्षित निकासी और आपात प्रतिक्रिया की प्रक्रिया का भी परीक्षण किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि आम नागरिकों, छात्रों और महत्वपूर्ण संस्थानों के कर्मचारियों को आपदा के समय अपनाई जाने वाली सावधानियों के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। फायर ब्रिगेड, होम गार्ड्स, स्वास्थ्य कर्मियों और बचाव दलों की तैयारियों की भी गहन समीक्षा की जा रही है।

इसके साथ ही राज्य आपदा प्रबंधन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि राज्य और जिला स्तर पर कंट्रोल रूम पूरी तरह सक्रिय रहें, ताकि समय पर चेतावनी, सूचनाओं का आदान-प्रदान और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।

डॉ. मिश्रा ने कहा कि इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य केवल प्रशासनिक तैयारियों का परीक्षण करना नहीं है, बल्कि आम जनता में जागरूकता, सतर्कता और आपदा से निपटने की क्षमता विकसित करना भी है। उन्होंने कहा, "हरियाणा सरकार नागरिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और यह अभ्यास हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।"

उन्होंने बताया कि 7 मई को होने वाली यह मॉक ड्रिल सभी विभागों के संयुक्त प्रयास से सफल और प्रभावशाली रहेगी।

Haryana मॉक ड्रिल - सलाह

7 मई, 2025: सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के लिए, जनता से निम्नलिखित सुनिश्चित करने का आग्रह किया जाता है:

ड्रिल से पहले:
- रात को अपना फोन और पावर बैंक चार्ज कर लें।
- बुनियादी सामान/आपातकालीन आपूर्ति तैयार रखें:
* बैटरी/सौर ऊर्जा से चलने वाली फ्लैशलाइट/टॉर्च, रेडियो, ग्लो स्टिक
* वैध आईडी कार्ड
* परिवार की आपातकालीन किट तैयार रखें: पानी, सूखा भोजन, बुनियादी दवाइयाँ।
- अलर्ट के बारे में जागरूकता:
* सायरन सिग्नल सीखें (जैसे लंबा निरंतर = अलर्ट: छोटा = सब साफ)
* आधिकारिक अपडेट के लिए रेडियो/टीवी देखते रहें (जैसे आकाशवाणी, दूरदर्शन)
- सुरक्षित क्षेत्र की तैयारी:
* आश्रय के रूप में सुरक्षित आंतरिक कमरे या तहखाने की पहचान करें।
* पारिवारिक अभ्यास का अभ्यास करें: लाइट बंद करें, 1-2 मिनट के भीतर सुरक्षित क्षेत्र में इकट्ठा हों।
- आपातकालीन नंबर नोट करें:
* - पुलिस: 112
* - अग्नि: 101
* - एम्बुलेंस: 120
- शाम 7 से 8 बजे तक लिफ्ट का उपयोग न करें। लिफ्टों को निष्क्रिय कर दें ताकि ब्लैकआउट के दौरान कोई असुविधा न हो।
- बुजुर्गों/ बच्चों को पहले से सूचित/तैयार करें।

अभ्यास के दौरान:
- अगर आपको हवाई हमले के सायरन या घोषणाएँ सुनाई दें - "यह एक अभ्यास है" तो घबराएँ नहीं।
- पुलिस, स्कूल अधिकारियों, या बिल्डिंग सुरक्षा या किसी अन्य सरकारी प्राधिकरण के निर्देशों का पालन करें
- तुरंत सुरक्षित क्षेत्र में इकट्ठा हों।

- ब्लैकआउट के दौरान:
* घर के अंदर रहें और खिड़कियों से दूर रहें। अगर आप गाड़ी चला रहे हैं, तो अपने वाहन को किनारे पर पार्क करें और लाइटें बंद कर दें। जहाँ हैं वहीं रहें और इधर-उधर न जाएँ।
* अलर्ट के दौरान सभी इनडोर और आउटडोर लाइटें बंद कर दें, जिसमें इन्वर्टर या वैकल्पिक बिजली आपूर्ति को डिस्कनेक्ट करना शामिल है। • ब्लैकआउट की घोषणा होने/सायरन चालू होने पर गैस/बिजली के उपकरण बंद कर दें।

* यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बच्चों, बुजुर्गों और पालतू जानवरों की हर समय निगरानी की जाए

* खिड़कियों के पास फोन या एलईडी डिवाइस का इस्तेमाल न करें।

* मोटे पर्दे का इस्तेमाल करें या खिड़कियों को कार्डबोर्ड/पैनल से ढकें।

व्हाट्सएप या सोशल मीडिया पर असत्यापित जानकारी न फैलाएँ।

ड्रिल के बाद
जब तक अन्यथा निर्देश न दिया जाए, सामान्य गतिविधि फिर से शुरू करें।
अपनी प्रतिक्रिया स्थानीय आरडब्ल्यूए या प्रशासन के साथ साझा करें।
अपने आस-पास के बच्चों या बुजुर्गों से बात करें - उन्हें आश्वस्त करें कि यह सिर्फ़ तैयारी का उपाय था।

नोट: यह मॉक ड्रिल अभ्यास चिकित्सा प्रतिष्ठानों, यानी अस्पतालों और नर्सिंग होम पर लागू नहीं होता है। हालाँकि, उन्हें ड्रिल के दौरान सभी खिड़कियों को मोटे पर्दों से ढकना चाहिए
और सतर्क रहना चाहिए।

ड्रिल का उद्देश्य नागरिक आबादी को किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार करना और ऐसी विकट स्थिति के दौरान बड़े पैमाने पर दहशत की संभावना को कम करना है।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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