68 की उम्र में तीसरी बार दूल्हा बने हरीश साल्वे, जानिए कौन हैं उनकी नई हमसफर...शादी में शामिल हुए ये मेहमान
punjabkesari.in Monday, Sep 04, 2023 - 10:43 AM (IST)

नेशनल डेस्क: देश के पूर्व सॉलिसिटर जनरल और मशहूर वकील हरीश साल्वे (Harish Salve) ने 68 साल की उम्र में तीसरी शादी की है। साल 2020 में साल्वे ने दूसरी शादी की थी। हरीश साल्वे केंद्र सरकार की नवगठित वन नेशन- वन इलेक्शन (One Nation - One Election) कमेटी के भी सदस्य हैं। हरीश साल्वे ने तीसरी शादी ट्रिना के साथ की है। इस विवाह समारोह में काफी लोग मौजूद थे। इससे पहले उन्होंने मीनाक्षी (पहली पत्नी) और कैरोलिन ब्रॉसार्ड (2020) से शादी की थी। साल्वे और उनकी पूर्व पत्नी मीनाक्षी ने शादी के 38 साल बाद जून 2020 में तलाक ले लिया था, उनकी दो बेटियां- साक्षी और सानिया हैं।
शादी में शामिल हुईं कई बड़ी हस्तियां
हरीश साल्वे की शादी में नीता अंबानी, ललित मोदी और उज्ज्वला राउत समेत करीबी दोस्त और परिवार के लोग शामिल हुए। सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले 68 वर्षीय वकील साल्वे कुलभूषण जाधव सहित कुछ हाई-प्रोफाइल मामलों का हिस्सा रहे हैं। कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। साल्वे ने जाधव की ओर से मुकद्दमा लड़ने के लिए कानूनी फीस में केवल 1 रुपया लिया और इस व्यवहार से उनकी काफी प्रशंसा हुई। टाटा समूह, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईटीसी समूह उनके कुछ प्रमुख ग्राहक हैं। वह अनिल अंबानी की रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड के खिलाफ कृष्णा गोदावरी बेसिन गैस विवाद मामले में भी पेश हुए थे।
सलमान खान के केस की भी की थी पैरवी
हरीश साल्वे ने भारत के सुप्रीम कोर्ट में पहले एंटी-डंपिंग मामले की पैरवी की। 2015 में हरीश साल्वे ने सलमान खान के 2002 के हिट-एंड-रन मामले की पैरवी की, जिन्हें पहले पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी। 10 दिसंबर 2015 को बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के बाद सलमान खान को 2002 के हिट-एंड-रन और ड्रंक-एंड-ड्राइव मामले के सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था। हरीश साल्वे ने नवंबर 1999 से नवंबर 2002 तक भारत के सॉलिसिटर जनरल के रूप में कार्य किया था, उनको वेल्स और इंग्लैंड की अदालतों के लिए रानी के वकील के रूप में नियुक्त किया गया था। देश के सबसे व्यस्त वकीलों में से एक साल्वे ने एलएलबी की पढ़ाई नागपुर विश्वविद्यालय से की थी। भारत के सॉलिसिटर जनरल नियुक्त होने से पहले वे 1992 में दिल्ली हाईकोर्ट में वरिष्ठ वकील के पद पर थे।