ब्लैक बॉक्स और वॉइस रिकॉर्डर  डेटा से चौंकाने वाला खुलासा: कंट्रोल स्विच की ''गलत हैंडलिंग'' बनी AIR India प्लेन क्रैश की वजह!

punjabkesari.in Thursday, Jul 10, 2025 - 07:05 AM (IST)

नई दिल्ली/अहमदाबाद: अहमदाबाद में 12 जून 2025 को लंदन के लिए रवाना हुआ एयर इंडिया का ड्रीमलाइनर विमान टेकऑफ के महज 32 सेकंड बाद ही हादसे का शिकार हो गया, जिसमें 242 यात्रियों में से 241 की दर्दनाक मौत हो गई। यह भारत के एविएशन इतिहास की सबसे भयावह घटनाओं में से एक बन गई है। अब इस हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आ गई है और इसमें एक चौंकाने वाली बात सामने आई है — प्लेन के कॉकपिट में मौजूद ‘फ्यूल कंट्रोल स्विच’ को इस दुर्घटना से जोड़ा जा रहा है।

यह हादसा अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के ठीक बाद हुआ था, जब विमान मात्र 650 फीट की ऊंचाई पर पहुंचा और अचानक नीचे गिरने लगा। कुछ ही सेकंड में विमान में आग लग गई और वह पास के खेतों में क्रैश हो गया।

क्या होते हैं फ्यूल कंट्रोल स्विच और ये इतने खतरनाक क्यों हैं?
फ्यूल कंट्रोल स्विच किसी भी जेट इंजन में ईंधन की आपूर्ति को नियंत्रित करने का मुख्य उपकरण होता है। ये स्विच दो मुख्य मोड में काम करते हैं:

RUN (रन) – जब इंजन चालू होता है और फ्यूल सप्लाई जारी रहती है।
CUTOFF (कट-ऑफ) – जब इंजन बंद करना हो और फ्यूल की आपूर्ति पूरी तरह रोक दी जाती है।

आमतौर पर ये स्विच केवल इंजन स्टार्ट करते वक्त या फ्लाइट के अंत में लैंडिंग के बाद इस्तेमाल किए जाते हैं। लेकिन यदि उड़ान के दौरान इन स्विच को गलती से या किसी वजह से "RUN" से "CUTOFF" में शिफ्ट कर दिया जाए, तो इंजन को तुरंत फ्यूल मिलना बंद हो जाता है — जिससे इंजन बंद हो सकता है और विमान की उड़ान अस्थिर होकर खतरनाक हो सकती है।

क्या इतनी आसानी से मूव हो सकते हैं ये स्विच?
विशेषज्ञों के मुताबिक, ये स्विच इस तरह डिज़ाइन किए गए हैं कि इन्हें गलती से हिलाना आसान नहीं है। ये थ्रॉटल लीवर के नीचे लगे होते हैं और इनके ऊपर मेटल सेफ्टी लॉक होता है जिसे उठाए बिना स्विच बदला नहीं जा सकता।

एक अमेरिकी एविएशन विशेषज्ञ जॉन कॉक्स के अनुसार, “इन स्विच को सामान्य रूप से छूने या हल्के से दबाने से कुछ नहीं होता। इन्हें जानबूझकर और थोड़ी मेहनत से ही बदला जा सकता है।” इसलिए इस एंगल की जांच गंभीरता से हो रही है कि क्या यह मानवीय भूल थी, या फिर कोई तकनीकी गड़बड़ी ने इन्हें एक्टिवेट किया।

ब्लैक बॉक्स में क्या मिला?
ब्लैक बॉक्स और वॉइस रिकॉर्डर के डेटा से यह संकेत मिला है कि हादसे के वक्त कॉकपिट में अचानक कोई ऐसी क्रिया हुई जिससे फ्यूल सप्लाई बंद हो गई। यह तय करना अभी बाकी है कि यह गलती से हुआ, तकनीकी खराबी थी या किसी पायलट ने जानबूझकर ऐसा किया।  एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) मामले की बारीकी से जांच कर रहा है। जांचकर्ता यह भी देख रहे हैं कि उस समय दोनों पायलटों के बीच क्या बातचीत हो रही थी, और क्या कॉकपिट में कोई असामान्य गतिविधि थी।

हादसे में क्या हुआ था?
-विमान टेकऑफ के बाद लगभग 650 फीट की ऊंचाई तक पहुंचा।
-इसके तुरंत बाद विमान का पावर कम होने लगा और वह तेजी से नीचे गिरा।
-विमान जमीन से टकराया और आग की लपटों में घिर गया।
-इसमें सवार 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई।
-जमीन पर भी कुछ लोग हादसे का शिकार हुए, जिससे कुल मृतकों की संख्या 260 तक पहुंच गई।

मुआवजा और सरकारी प्रतिक्रिया
हादसे के तुरंत बाद टाटा संस ने घोषणा की थी कि हर मृतक के परिवार को ₹1 करोड़ की सहायता दी जाएगी। अब तक लगभग दो-तिहाई परिवारों को मुआवजा दे दिया गया है, लेकिन कुछ पीड़ित परिवारों ने मुआवजे को लेकर प्रक्रिया में देरी और जटिलता का आरोप लगाया है।

जांच अभी जारी है
विमान में कोई मेजर टेक्निकल फॉल्ट या इमरजेंसी अलर्ट नहीं मिला, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा कि समस्या पहले से थी या टेकऑफ के बाद अचानक उत्पन्न हुई। ऐसे में ‘फ्यूल कंट्रोल स्विच’ की भूमिका और कॉकपिट में हुई गतिविधियों को लेकर गहन विश्लेषण किया जा रहा है।  


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Content Writer

Anu Malhotra

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