Air India crash : टेकऑफ के वक्त अचानक हुआ सिस्टम फेलियर, Air India हादसे में छुपा है बड़ा राज़! सामने आए दो बड़े सवाल

punjabkesari.in Sunday, Jul 06, 2025 - 01:53 PM (IST)

अहमदाबाद: 12 जून एक ऐसी तारीख जिसने सैकड़ों परिवारों की जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी। एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, जो अहमदाबाद से लंदन गैटविक एयरपोर्ट के लिए रवाना हुई थी, टेकऑफ के कुछ ही मिनटों में मौत का सफर बन गई। विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल ब्लॉक से टकरा गया, और इस हादसे में 260 लोगों की जान चली गई - जिनमें 52 ब्रिटिश नागरिक भी शामिल थे।

अब, ब्रिटेन की प्रतिष्ठित कानूनी फर्म Keystone Law ने इस दुर्घटना को लेकर दो बेहद अहम तकनीकी सवाल उठाए हैं, जो पूरे जांच के रुख को बदल सकते हैं।

 क्या वाकई टेकऑफ के समय सिस्टम फेल हुआ?
Keystone Law, जो एविएशन लीगल मामलों में विशेषज्ञता रखती है, इस समय करीब 20 ब्रिटिश पीड़ित परिवारों की तरफ से केस देख रही है। फर्म के वरिष्ठ वकील जेम्स हीली-प्रैट और ओवेन हन्ना इस मामले की अगुवाई कर रहे हैं।

उनका कहना है कि वे "किसी अनुमान पर नहीं, बल्कि तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर" सवाल उठा रहे हैं। और इन सवालों का जवाब सीधे विमान निर्माता Boeing और एयरलाइन की सुरक्षा प्रक्रियाओं से जुड़ा हो सकता है।

 ये हैं हादसे से जुड़े दो बड़े तकनीकी सवाल:
1.   Ram Air Turbine (RAT) का टेकऑफ के तुरंत बाद एक्टिव होना

RAT एक इमरजेंसी डिवाइस होती है जो तभी सक्रिय होती है जब विमान के मुख्य सिस्टम पूरी तरह फेल हो जाएं — जैसे बिजली या हाइड्रॉलिक सिस्टम। टेकऑफ के कुछ ही सेकंड में इसका एक्टिव हो जाना यह दर्शाता है कि प्लेन को किसी गंभीर सिस्टम फेलियर का सामना करना पड़ा।

2.  दोनों इंजनों का एकसाथ थ्रस्ट खो देना
कमर्शियल विमान में दोनों इंजन एकसाथ फेल हो जाना बेहद असामान्य है। Keystone Law के अनुसार, ये संकेत करता है कि विमान के प्रणालीगत तकनीकी हिस्सों में गंभीर खामी हो सकती है, जो निर्माण दोष या डिज़ाइन से जुड़ी भी हो सकती है।

अंतरराष्ट्रीय कानूनी कार्रवाई
Keystone Law अब इस हादसे को लेकर ब्रिटिश और अमेरिकी अदालतों में कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रही है। यदि यह साबित होता है कि विमान के डिज़ाइन या निर्माण में कोई दोष था, तो Boeing पर सीधा सवाल खड़ा होगा। वहीं, एयर इंडिया की यूके में मौजूद लीगल टीम और इंश्योरेंस कंपनियों के साथ बातचीत भी जारी है, ताकि पीड़ित परिवारों को इंटरिम मुआवज़ा मिल सके।

 ब्लैक बॉक्स खोलेगा सच 
UK की Air Accidents Investigation Branch (AAIB) और भारत की जांच एजेंसियाँ मिलकर हादसे की तकनीकी परतों को खंगाल रही हैं। ब्लैक बॉक्स से मिलने वाली रिकॉर्डिंग्स और डेटा यह तय करेंगे कि आखिर उस रात क्या हुआ था — और क्यों एक आधुनिक विमान महज टेकऑफ के कुछ ही पलों में मौत का परवाज़ बन गया। बता दें कि इस हादसे में 52 ब्रिटिश नागरिकों की मौत के कारण यह मामला अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक और कानूनी स्तर पर बेहद गंभीर हो गया है।  
 


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Content Writer

Anu Malhotra

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