''2-फिंगर टेस्ट से गुज़रना पड़ा''- रेप पीड़िता IAF अफसर का आरोप - ''दोबारा ट्रॉमा जीने पर मजबूर''

punjabkesari.in Thursday, Sep 30, 2021 - 07:39 PM (IST)

नेशनल डेस्कः अपने सह-कर्मचारी फ्लाइट लेफ्टिनेंट पर यौन हिंसा का आरोप लगाने वाली इंडियन एयरफोर्स की महिला अफसर ने उसकी मेडिकल जांच कर रहे डॉक्टरों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि जांच के दौरान उसे 'यौन शोषण के उस ट्रॉमा से दोबारा गुजरना पड़ा।' महिला अफसर की ओर से 29 साल के फ्लाइट लेफ्टिनेंट पर आरोप लगाने के बाद आरोपी को पिछले रविवार को तमिलनाडु के कोयंबटूर से गिरफ्तार कर लिया गया था। पीड़िता का कहना है कि एयरफोर्स के डॉक्टरों ने उसका 2-फिंगर टेस्ट किया, जो कि एक प्रतिबंधित तरीका है और पीड़िता की निजता को भंग करने को लेकर अतीत में आलोचना का विषय रह चुका है। यह भी माना जाता है कि इस टेस्ट का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।

कॉलेज कमांडेंट सहित भारतीय वायुसेना के अधिकारियों द्वारा 10 सितंबर को हुई घटना पर 20 सितंबर तक कार्रवाई करने में विफल रहने के बाद महिला अधिकारी ने महिला पुलिस थाने में शिकायत दी जिसके आधार पर पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आरोपों का उल्लेख किया गया। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि दुष्कर्म का पता लगाने के लिए वायु सेना अस्पताल में उसका ‘टू-फिंगर टेस्ट' किया गया, जिसे कुछ साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंधित कर दिया था। पुलिस ने 25 सितंबर को आरोपी अमितेश हरमुख को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है। दुष्कर्म पीड़िता और आरोपी दोनों ही छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। वे एक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का हिस्सा थे और नौ सितंबर की रात ऑफिसर्स मेस में एक पार्टी में शामिल हुए थे।

महिला अधिकारी ने अपनी शिकायत में कहा कि यह घटना अगले दिन तड़के उस समय हुई जब वह अपने पैर की चोट के लिए दवा खाकर सो रही थी और नशे में धुत अधिकारी ने उसके साथ मारपीट की, जिसने अपने दो सहकर्मियों को घटना के बारे में बताया, जिन्होंने तीनों की बातचीत रिकॉर्ड कर ली। पीड़िता ने घटना को लेकर एक विंग कमांडर से संपर्क किया और एक महिला विंग कमांडर के साथ कमरे में आई, जिसने उसे परिवार के नाम और सम्मान सहित भविष्य के बारे में सोचने की सलाह दी, जिसके आधार पर उसने उसकी एक दोस्त को बताया कि वह कोई शिकायत दर्ज कराने नहीं जा रही थी।

हालांकि, जब दोनों विंग कमांडरों ने फिर से उससे संपर्क किया और कहा कि या तो वह शिकायत दर्ज कराए या लिखित रूप में दे कि मामला आपसी सहमति का था, तब महिला ने हिम्मत जुटाई और अस्पताल में शाम को उंगली परीक्षण के बीच शिकायत दर्ज करने का फैसला किया। प्राथमिकी के मुताबिक, पीड़िता ने आगे कहा कि उसने दो महिला डॉक्टरों को वह गद्दा सौंप दिया था जिसमें वीर्य के निशान थे।

पुलिस ने कहा कि दो वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जांच रिपोर्ट निगेटिव आने की ‘गलत' सूचना देने के बाद, कमांडेंट ने उसे लिखित रूप में मामला वापस लेने के लिए बोला और कहा कि अगर मामले को आगे बढ़ाया जाता है तो इसे मीडिया में दिखाया जाएगा तथा वायु सेना और उसे बदनाम किया जाएगा। महिला अधिकारी हालांकि 20 सितंबर को शहर के पुलिस आयुक्त कार्यालय गई और वहां से महिला थाने में मामला दर्ज किया गया।

संपर्क किये जाने पर वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न जाहिर करने का अनुरोध करते हुए इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया क्योंकि मामला अदालत में हैं और संवेदनशील है। वायुसेना ने इस बीच अदालत में एक याचिका दायर की थी कि स्थानीय पुलिस को अधिकारी को गिरफ्तार करने का कोई अधिकार नहीं है और केवल रक्षा अदालत ही वह अधिकार क्षेत्र है जहां कोर्ट मार्शल किया जा सकता है और इसलिए आरोपी को वायुसेना को सौंपा जाए।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Yaspal

Recommended News

Related News