इन गलतियों के कारण गुजरात चुनाव में डूबी कांग्रेस की लुटिया!

punjabkesari.in Monday, Dec 18, 2017 - 03:51 PM (IST)

नई दिल्ली: गुजरात में एक बार फिर बीजेपी सत्ता पर काबिज हो रही है। हालांकि बीजेपी के लिए ये चुनाव किसी बड़ी जंग से कम नहीं था, क्योंकि पार्टी के सामने राहुल गांधी के साथ हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी और अल्पेश ठाकुर की तिकड़ी थी जिसे पार करने में बीजेपी को कामयाबी हासिल हुई है। वहीं सवाल खड़े हो रहे हैं कि 22 साल की एंटी इनकम्बेंसी और जीएसटी-नोटबंदी से व्यापारियों की कथित नाराजगी के बाद भी आखिर कांग्रेस क्यों गुजरात का भरोसा नहीं जीत पाई? आईए जानतें हैं वो कारण जिसकी वजह से इस गुजरात चुनाव में कांग्रेस की लुटिया डूबी। 


अय्यर का बयान
चुनाव प्रचार के बीच मणिशंकर अय्यर द्वारा पीएम मोदी को 'नीच' बोलना और कपिल सिब्बल द्वारा राम मंदिर मसले की पैरवी में मामले को आगे टालने की अपील कहीं न कहीं कांग्रेस को भारी पड़ी है। वहीं पीएम मोदी ने भी अय्यर के बयान पर चौका मारते हुए प्रचार में इस मुद्दे को उठाया और इसे अपनी गरीबी और जाति से जोड़ दिया। इसका नतीजा सबके सामने है। 

कांग्रेस कोई दमदार सीएम चेहरा नहीं
गुजरात चुनाव में कांग्रेस कोई दमदार सीएम चेहरा नहीं पेश कर पाई। हालांकि कांग्रेस में शक्ति सिंह गोहिल, अुर्जन मोढवाडिया  जैसे मजबूत नेता थे, लेकिन वो खुद ही चुनाव नहीं जीत पा रहे। ऐसे में विजय रूपाणी के सामने कांग्रेस की ओर से कोई मजबूत चेहरा नहीं था। इसके बाद यह मुकाबला सीधे पीएम बनाम राहुल हो गया। जहां बीजेपी का जीतना तय हो गया। 

मोदी बनाम राहुल
जीएसटी-नोटबंदी के बाद भले ही राज्य की जनता बीजेपी से नाराज चल रही थी, लेकिन वो पीएम मोदी के मुकाबले राहुल गांधी पर भरोसा नहीं कर पा रही थी। हालांकि इन चुनावों में राहुल गांधी ने अपनी छवि सुधारी, लेकिन वो मोदी के मुकाबले सबसे ज्यादा भरोसेमंद नहीं बन पाए।
 

प्रचार अभियान में आई कमी
कांग्रेस का प्रचार अभियान शुरू में तो काफी जोरदार रहा, लेकिन बाद में जब पीएम मोदी ने अपना प्रचार अभियान तेज किया तो राहुल गांधी इस रेस में पिछड़ गए। लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार हुआ है कि बीजेपी ने किसी राज्य के लिए इतनी मेहनत की है। गुजरात की सभी 182 सीटों को मोदी ने छूने की कोशिश की और 34 रैलियां कीं। कांग्रेस के 'विकास पागल है' अभियान को भी शायद इसलिए ज्यादा स्वीकार्यता नहीं मिल पाई, क्योंकि गुजरातियों का तो विकास पर भरोसा ही है। 

मोदी को हुआ गुजराती भाषण का फायदा
गुजरात में राहुल गांधी की हार की एक वजह हिंदी को भी माना जा रहा है। पीएम मोदी के गुजराती भाषण के सामने कहीं न कहीं हिंदी भाषण अपनी जगह नहीं बना पाई और राहुल गांधी गुजरातियों तक अपनी बात पहुंचाने में नाकाम रहे। जबकि पीएम मोदी ने बड़ी ही सरलता के साथ अपनी बात लोगों तक पहुंचाने में कामयाब हुए। 

हार्दिक पटेल की सीडी
पाटीदारों को आरक्षण देने के मुद्दे पर हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से हाथ मिलाया, इससे कांग्रेस के वोट बैंक में बढ़ोत्तरी हुई मगर बीजेपी ने उसके काट के रूप में पाटीदार नेताओं को तोड़ लिया। बाद में हार्दिक पटेल की सेक्स सीडी भी बाजार में आई। इससे हार्दिक पटेल की लोकप्रियता में कमी आई जिसका नुक्सान  कांग्रेस को हुआ। 


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