GST Rate Rationalisation: GST में होगा बड़ा बदलाव, 12% और 28% टैक्स स्लैब होंगे खत्म, GoM ने केंद्र का प्रस्ताव किया स्वीकार
punjabkesari.in Thursday, Aug 21, 2025 - 02:52 PM (IST)

नई दिल्ली: देशभर में लागू वस्तु एवं सेवा कर (GST) को और सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। गुरुवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक में GST रेट रेशनलाइजेशन पर गठित मंत्री समूह (GoM) ने केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, जिसमें दो टैक्स स्लैब — 12% और 28%- को हटाने की सिफारिश की गई थी।
बैठक की अध्यक्षता बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने की। उन्होंने बताया कि सरकार अब केवल 5%, 18% और विशेष वस्तुओं के लिए 40% की दर रखने की योजना पर आगे बढ़ेगी।
सूत्रों के अनुसार, सरकार ने वर्तमान चार स्लैब - 5%, 12%, 18% और 28% - की जगह एक नई दो-स्तरीय संरचना लाने का प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव के तहत, 5% और 18% दो प्रमुख टैक्स दरें होंगी। योजना के मुताबिक, जो वस्तुएं अब तक 12% टैक्स के दायरे में थीं, उनमें से करीब 99% सामानों को 5% स्लैब में शिफ्ट किया जाएगा। वहीं 28% टैक्स वाले करीब 90% उत्पादों और सेवाओं को 18% स्लैब में लाने की बात कही गई है।
हालांकि, कुछ खास वस्तुएं जैसे पान मसाला, तंबाकू और ऑनलाइन गेमिंग, जिन्हें सरकार 'हानिकारक वस्तुएं' (Demerit Goods) की श्रेणी में रखती है, उन पर 40% का विशेष टैक्स स्लैब लागू करने का प्रस्ताव है।
कौन-कौन थे इस फैसले के पीछे?
बैठक की अध्यक्षता बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने की। इस 6-सदस्यीय समूह में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और केरल के मंत्री शामिल थे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्या कहा?
वित्त मंत्री ने कहा कि इस दर पुनर्गठन से आम जनता, किसानों, मध्यम वर्ग और MSMEs को बड़ी राहत मिलेगी। इसके अलावा यह व्यवस्था सरल, पारदर्शी और विकासोन्मुखी भी होगी।
किस चीज पर कितना असर पड़ेगा?
12% स्लैब की 99% वस्तुएं अब 5% टैक्स की श्रेणी में आ जाएंगी।
28% टैक्स वाली करीब 90% वस्तुएं/सेवाएं अब 18% टैक्स के दायरे में होंगी।
सरकार का कहना है कि इससे जीएसटी प्रणाली ज्यादा सरल हो जाएगी और टैक्स अनुपालन में भी सुधार होगा।
बीमा पर भी राहत संभव
बैठक में केंद्र के उस प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई जिसमें स्वास्थ्य और जीवन बीमा को जीएसटी से पूरी तरह छूट देने की बात कही गई थी। इस पर अधिकतर राज्यों ने सहमति जताई, लेकिन साथ ही ये भी कहा कि इसका लाभ पॉलिसीधारकों तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है। इस छूट से सरकार को करीब ₹9,700 करोड़ सालाना राजस्व का नुकसान हो सकता है।
अब इस प्रस्ताव को जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में पेश किया जाएगा, जहां अंतिम मुहर लगेगी। अगर यह पास होता है, तो यह देश के कर ढांचे में अब तक का सबसे बड़ा सुधार माना जाएगा।