सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बैठक कल, इन बातों पर हो सकती है चर्चा

punjabkesari.in Thursday, Jun 20, 2019 - 07:02 PM (IST)

नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शुक्रवार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की पहली बैठक होगी। इस बैठक में अन्य मुद्दों के अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी दर को 12 से घटाकर पांच प्रतिशत करने और राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण (एनएए) को एक साल का विस्तार देने पर विचार किया जा सकता है। जीएसटी परिषद की यह 35वीं बैठक होगी।
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सीतारमण की अगुवाई में पहली बार होने वाली परिषद की इस बैठक में एकल बिंदु रिफंड प्रणाली और ई-चालान (ई-इनवॉइस) जारी करने के लिए कंपनियों के लिए एक प्रणाली पर भी चर्चा होगी। इसके अलावा बैठक में 50 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली बिजनेस-टु- बिजनेस इकाइयों को बिक्री के लिए ई-इनवॉइस जारी करने को कहने पर भी विचार किया जाएगा। राज्यों को सभी सिनेमाघरों के लिए ई-टिकटिंग को अनिवार्य करने पर भी निर्णय हो सकता है।
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परिषद लॉटरी पर जीएसटी दर में बदलाव पर भी विचार करेगी। अभी राज्य द्वारा चलाई जाने वाली लॉटरी पर 12 प्रतिशत और राज्य प्राधिकृत लॉटरी पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है। इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण केा बढ़ावा देने के लिये जीएसटी परिषद ऐसे वाहनों पर जीएसटी दर को 12 से घटाकर पांच प्रतिशत करने के प्रस्ताव पर भी विचार कर सकती है। पेट्रोल, डीजल कारों और हाइब्रिड वाहनों पर जीएसटी दर सबसे ऊंची 28 प्रतिशत दर से लागू है। इन पर उपकर भी लगाया जाता है।
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सीतारमण ने पिछले महीने ही वित्त मंत्री की जिम्मेदारी संभाली है। स्वास्थ्य कारणों से पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में यह जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया था। बैठक के एजेंडा में एक अप्रैल, 2020 से जीएसटी-ईवे बिल प्रणाली का एनएचएआई की फास्टैग प्रणाली के साथ एकीकरण भी शामिल है। इससे माल की आवाजाही की निगरानी की जा सकेगी और जीएसटी चोरी को रोका जा सकेगा।
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परिषद की बैठक में अग्रिम निर्णय अपीलीय प्राधिकरण (एएआर) के लिए राष्ट्रीय पीठ के गठन पर भी चर्चा होगी। इसके जरिये विभिन्न राज्यों में एएआर द्वारा जारी एक जैसे मुद्दों पर विरोधाभासी फैसलों के मामले में समाधान किया जाएगा जिससे करदाताओं के सामने चीजों में स्पष्टता आ सके। समझा जाता है कि परिषद की बैठक में जीएसटी कानून में बदलावों के लिए संशोधन विधेयक के मसौदे पर भी चर्चा होगी। इससे कारोबारियों और कंपनियों को जीएसटी भुगतान में हुई गलती को सुधारने में मदद मिलेगी। साथ ही जीएसटी भुगतान में देरी पर ब्याज सिर्फ नकदी वाले हिस्से पर लागू होगा।
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राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण के संदर्भ में परिषद इसका कार्यकाल एक साल बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 तक करने पर विचार करेगी। सरकार ने एक जुलाई, 2017 को जीएसटी को लागू किए जाने के तत्काल बाद दो साल के लिए एनएए के गठन को मंजूरी दी थी। एनएए का गठन जीएसटी दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को स्थानांतरित नहीं करने वाली कंपनियों के खिलाफ शिकायतों की जांच के लिए किया गया था। इसके अलावा परिषद जीएसटी रिफंड की मंजूरी और उसकी जांच के लिए एकल बिंदु व्यवस्था पर भी विचार करेगी।

 


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Yaspal

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