सरकार जरूरत पड़ने पर किसी के वॉट्सएप मैसेज देख सकेगी, इस बड़ी वजह से लिया फैसला

punjabkesari.in Friday, Jun 28, 2024 - 12:05 PM (IST)

नेशनल डेस्क: टेलीकॉम एक्ट 2023 के कुछ हिस्से लागू हो गए। इससे आपात स्थिति में सरकार किसी भी दूरसंचार सेवा या नेटवर्क का नियंत्रण अपने हाथ में ले सकेगी। एक्ट में सिम कार्ड को लेकर भी कड़े प्रावधान हैं। बुधवार से अधिनियम की धारा 1, 2, 10 से 30, 42 से 44, 46, 47, 50 से 58, 61 और 62 के प्रावधान लागू हुए। आइए जानते हैं क्या बदलाव हुआ....

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 सरकार किन परिस्थितियों में दूरसंचार सेवाओं का नियंत्रण अपने हाथ में ले सकती है?

राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों के हित में या जंग की स्थिति में किसी या सभी दूरसंचार सेवाओं का नियंत्रण और प्रबंधन सरकार अपने हाथ में ले सकती है। सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था या अपराध की रोकथाम के लिए भी कंट्रोल अपने हाथ में ले सकती है।

सरकार किसी भी व्यक्ति के मैसेज को इंटरसेप्ट कर सकेगी?

सरकार सार्वजनिक सुरक्षा के लिए या आपात स्थिति में किसी भी व्यक्ति के मैसेज को इंटरसेप्ट कर सकेगी। एक्ट की धारा 20 (2) के तहत मैसेज रिसीवर तक पहुंचने से पहले ही रोक भी सकेगी। सीबीआई, ईडी और आईबी जैसी 10 केंद्रीय एजेंसियां को इसका अधिकार है।

 क्या वॉट्सएप मैसेज सरकार जरूरत पड़ने पर देख सकेगी?

एक्ट के दायरे में वॉट्सएप, टेलीग्राम और सिग्नल जैसे सभी प्लेटफॉर्म आ गए हैं। अब सरकार इनसे भेजे हुए मैसेज देख सकेगी। अप्रैल में, वॉट्सएप ने आईटी एक्ट 2021 के खिलाफ दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट से कहा था कि अगर उसे मैसेज एन्क्रिप्शन तोड़ने के लिए कहा गया तो वह भारत छोड़ देगा।

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सिम खरीदने और बेचने को लेकर क्या प्रावधान बदले?

एक्ट में एक पहचान पत्र पर 9 से ज्यादा सिम कार्ड होने पर 50 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। दूसरी बार पकड़े जाने पर 2 लाख तक का जुर्माना है। एक्ट के तहत फर्जी सिम कार्ड बेचने, खरीदने और इस्तेमाल करने पर भी तीन साल तक की जेल या 50 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। किसी भी तरह के सिम कार्ड फ्रॉड करने पर 3 साल की जेल और जुर्माना लगेगा। 

प्रमोशनल मैसेज के लिए यूजर्स की पूर्व सहमति जरूरी है। अब यूजर्स परेशान करने वाली फोन कॉल्स की शिकायत कर सकेंगे। नियम के उल्लंघन पर कार्रवाई का प्रावधान है। बिना इजाजत डेटा एक्सेस करना भी अब अपराध होगा। इस कानून के तहत सिम कार्ड क्लोन करने या किसी और के सिम कार्ड का दुरुपयोग करना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा। बिना इजाजत टेलीकॉम नेटवर्क का डेटा एक्सेस करना, कॉल टैप करना या रिकॉर्ड करना भी अपराध माना जाएगा।

 कौन-कौन से कानून खत्म हुए?

भारतीय टेलीग्राफ एक्ट (1885), वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम (1933) और टेलीग्राफ तार (गैरकानूनी कब्जा) अधिनियम (1950) जैसे कानून खत्म हुए।


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News Editor

Radhika

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