ग्रेच्युटी के लिए अब 5 साल नहीं करना होगा इंतजार, बदलाव की तैयारी में सरकार

punjabkesari.in Saturday, Aug 05, 2017 - 06:19 PM (IST)

नई दिल्ली: प्राइवेट संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। मोदी सरकार ग्रेच्युटी के लिए समय-सीमा कम करने पर विचार कर रही है। यदि, इस प्रस्ताव पर सहमति बन गई तो एक साल बाद नौकरी छोड़ने वाला या निकाला जाने वाला कर्मचारी भी ग्रेच्युटी का हकदार होगा।
 

मंत्रालयों से हरी झंडी मिलने के बाद पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट में भी संशोधन जल्द ही होगा। वर्तमान नियमों के मुताबिक, 5 साल की नौकरी पूरी करने पर ही कर्मचारी ग्रेच्युटी के योग्य होता है। श्रम मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इससे संबंधित प्रस्ताव दूसरे मंत्रालयों को भेजा जा चुका है और उनके जवाब का इंतज़ार है।
 

देश की कर्मचारी यूनियनों ने ग्रेच्युटी के भुगतान के लिए प्रतिष्ठान में कम-से-कम 10 कर्मचारियों के होने तथा न्यूनतम पांच साल की सेवा की शर्तों को हटाने की भी मांग की है।  
 

केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में फैसला लिया गया था कि प्राइवेट सेक्टर में भी ग्रेच्युटी की सीमा को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख किया जाए।

 दरअसल सातवें वेतन आयोग ने ग्रेच्युटी की सीमा को दस लाख से बढ़ाकर बीस लाख करने की सिफारिश की थी। केंद्र सरकार के साथ-साथ कई राज्य सरकारें भी इसे लागू कर चुकी हैं।
 

भारतीय मजदूर संघ का कहना है कि हम कर्मचारियों के हित के हर प्रस्ताव का समर्थन करेंगे। कैबिनेट से प्रस्ताव पास होने के बाद अब इसे संसद में विधेयक के रूप में पेश किया जाना बाकी है।

 


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