इस राज्य सरकार का बड़ा फैसला: Road Accident में पीड़ितों को 1.5 लाख नहीं अब मिलेंगे 2.5 लाख रुपये!

punjabkesari.in Tuesday, Sep 16, 2025 - 07:55 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले लोगों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है। अब राज्य में किसी सड़क हादसे का शिकार व्यक्ति सिर्फ केंद्र सरकार की कैशलेस योजना (CTRAV 2025) के तहत ₹1.5 लाख ही नहीं, बल्कि राज्य सरकार की ओर से दिए जाने वाले अतिरिक्त ₹1 लाख की मदद का भी हकदार होगा। यह फैसला उन मामलों में विशेष रूप से राहत देगा जहां इलाज की लागत ज्यादा आती है या अस्पताल का इलाज सात दिन से अधिक खिंचता है।

क्यों लिया गया ये फैसला?
कर्नाटक सरकार ने यह कदम उस वक्त उठाया है जब राज्य में हर साल औसतन 40,000 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और इनमें से 11,000 लोगों की जान चली जाती है। यह आंकड़े राज्य को देश के सबसे ज्यादा सड़क हादसों से प्रभावित राज्यों में ला खड़ा करते हैं। सुवर्ण आरोग्य सुरक्षा ट्रस्ट (SAST) की सिफारिश पर सरकार ने इस अतिरिक्त मदद को मंजूरी दी है, जिससे ज़्यादा से ज़्यादा पीड़ितों को समय पर और बेहतर इलाज मिल सके।

किन मामलों में मिलेगा अतिरिक्त ₹1 लाख?

राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि ये अतिरिक्त सहायता कुछ विशेष परिस्थितियों में दी जाएगी:

  • वेंटिलेटर पर रखे गए मरीज

  • मल्टी-ऑर्गन फेल्योर जैसे गंभीर मामले

  • CTRAV की 7 दिन की समय-सीमा से अधिक का इलाज

  • NABH या NQAS मान्यता प्राप्त अपंजीकृत अस्पतालों में इलाज (राज्य मानकों के अनुसार)

इन मामलों में SAST की पैकेज दरों के आधार पर अधिकतम ₹1 लाख की प्रतिपूर्ति दी जाएगी। सात दिन से अधिक के इलाज के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की समिति की सिफारिश अनिवार्य होगी।

CTRAV योजना क्या है?
"कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम फॉर रोड एक्सीडेंट विक्टिम्स (CTRAV) 2025" केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है जिसके तहत सड़क दुर्घटनाओं के शिकार लोगों को ₹1.5 लाख तक का मुफ्त इलाज मिलता है। यह योजना पहले से लागू है और अब कर्नाटक ने उसमें राज्य स्तर पर टॉप-अप सहायता जोड़ दी है, जिससे कुल सहायता राशि ₹2.5 लाख तक पहुंच गई है।

सड़क दुर्घटनाएं: चिंताजनक आंकड़े

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के हालिया आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क हादसों में मौतें तेजी से बढ़ रही हैं।

  • 2023: 1,23,955 दुर्घटनाएं, 53,630 मौतें

  • 2024: 1,25,873 दुर्घटनाएं, 53,090 मौतें

  • 2025 (जून तक): 67,933 दुर्घटनाएं, 29,018 मौतें

इतना ही नहीं, ये मौतें देश के कुल सड़क नेटवर्क के केवल 2% हिस्से यानी राष्ट्रीय राजमार्गों पर हो रही हैं, लेकिन इनका योगदान 30% से ज़्यादा है।

दिल्ली में भी हालात गंभीर
देश की राजधानी दिल्ली में 2025 के पहले सात महीनों में 313 दोपहिया वाहन चालकों की सड़क हादसों में मौत हो चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इनमें से अधिकांश मौतें हेलमेट नहीं पहनने या गलत ढंग से पहनने के कारण हुईं।


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Content Writer

Anu Malhotra

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