गोपाष्टमी: धन और सुख चाहते हैं तो आज के दिन गांठ बांध ले ये बात
punjabkesari.in Monday, Nov 04, 2019 - 07:42 AM (IST)
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हिन्दू संस्कृति में गाय को मां का दर्जा दिया गया है। गोपाष्टमी पर्व गाय माता को समर्पित है। इस दिन श्री कृष्ण और गाय माता की पूजा करने से धन और सुख की प्राप्ति होती है। ब्रज में कहा जाता है की यशोदा मईया ने गोपाष्टमी पर पहली बार श्रीकृष्ण को गाय चराने के लिए भेजा था। गोपाष्टमी अथवा धेनु पूजा के दिन नन्द महाराज जी ने भगवान श्रीकृष्ण को गाय चराने के लिये भेजा था। इससे पहले भगवान केवल बछड़े ही चराने के लिये जाते थे। नन्द महाराज के यहां लगभग 9 लाख गाय थीं, जो साधारण नहीं थी। वे सब शान्त रस की भक्त थीं।
कार्तिक मास में आने वाला गोपाष्टमी महोत्सव अति उत्तम फलदायक है। जो लोग नियम से कार्तिक स्नान करते हुए जप, होम, अर्चन का फल पाना चाहते हैं उन्हेें गोपाष्टमी पूजन अवश्य करना चाहिए। इस दिन गाय, बैल और बछड़ों को स्नान करवा कर उन्हें सुन्दर आभूषण पहनाएं। यदि आभूषण सम्भव न हो तो उनके सींगों को रंग से सजाएं अथवा उन्हें पीले फूलों की माला से सजाएं। उन्हें हरा चारा और गुड़ खिलाना चाहिए। उनकी आरती करते हुए उनके पैर छूने चाहिएं। गौशाला के लिए दान दें। गोधन की परिक्रमा करना अति उत्तम कर्म है। गोपाष्टमी को गऊ पूजा के साथ गऊओं के रक्षक 'ग्वाले या गोप' को भी तिलक लगा कर उन्हें मीठा खिलाएं।
ज्योतिष के अनुसार गोपाष्टमी पर पूजन करने से भगवान प्रसन्न होते हैं, उपासक को धन और सुख-समृ्द्धि की प्राप्ति होती है और घर-परिवार में लक्ष्मी का वास होता है।
आज के दिन गांठ बांध ले ये बात-
गऊ माता की सेवा मन लगा कर करें। उन्हें अपना दुख-दर्द सुनाएं। यह तुम्हारे मन की हर बात जानती हैं। तुम्हारे कष्टों का निवारण हो जाएगा।
गऊशाला जाओ तो परिक्रमा जरूर करें और चरणधूलि मस्तक पर लगाएं।
गाय माता की पूंछ को अपने सिर के चारों घुमाकर हर तरह की बुरी बला को दूर किया जा सकता है। बाल्यकाल में जब बाल गोपाल को नज़र लगती थी तो यशोदा मईया श्रीकृष्ण के सिर से गाय माता की पूंछ घुमाकर बुरी बलाएं दूर करती थी।
गाय को जब भी कोई भोज्य पदार्थ खिलाएं तो उसे अपनी हथेली पर रखकर खिलाएं। ऐसा करने से आपका भाग्य उज्जवल होगा।