यूजर्स सावधान: Google बिना बताए इस्तेमाल कर रहा आपका डेटा? तुरंत बंद करें ये सेटिंग
punjabkesari.in Tuesday, Nov 25, 2025 - 03:30 PM (IST)
नेशनल डेस्कः गूगल ने हाल ही में अपनी डेटा पॉलिसी में ऐसा बड़ा बदलाव किया है, जिसने दुनियाभर के Gmail उपयोगकर्ताओं की प्राइवेसी को लेकर नई चिंता खड़ी कर दी है। कंपनी अब बिना स्पष्ट जानकारी दिए यूज़र्स के ईमेल कंटेंट जिनमें निजी संदेश, बैंकिंग जानकारी, मेडिकल रिपोर्ट और ऑफिस डॉक्यूमेंट्स शामिल हो सकते हैं का इस्तेमाल अपने AI मॉडल्स को ट्रेन करने के लिए कर रही है। खास बात यह है कि यह फीचर डिफ़ॉल्ट रूप से ऑन है, यानी यदि आप इसे खुद बंद नहीं करते, तो आपकी ईमेल सामग्री ऑटोमेटिक रूप से AI ट्रेनिंग में जाती रहेगी।
गूगल ने क्यों किया बदलाव?
कंपनी का कहना है कि Smart Compose, ऑटो-रिप्लाई, प्रेडिक्टिव टाइपिंग और आने वाले नए AI फीचर्स को विकसित करने के लिए वास्तविक डेटा की जरूरत होती है। इसी वजह से Gmail की सामग्री — ईमेल, अटैचमेंट, चैट्स, रसीदें और अन्य व्यक्तिगत संदेश — AI ट्रेनिंग के लिए उपयोग किए जा सकते हैं।
चिंता की बात यह है कि यह फीचर डिफ़ॉल्ट रूप से ऑन है, यानी गूगल इसे बिना स्पष्ट जानकारी के सक्रिय रखता है।
टिंग्स बंद करना अनिवार्य
प्राइवेसी विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस सेटिंग के चलते मेडिकल रिकॉर्ड, बैंकिंग जानकारी, वर्क डॉक्यूमेंट्स और यहां तक कि पासवर्ड जैसी संवेदनशील सामग्री भी AI ट्रेनिंग का हिस्सा बन सकती है। Malwarebytes के शोधकर्ताओं का कहना है कि Gmail में AI ट्रेनिंग को पूरी तरह रोकने के लिए दो अलग-अलग सेटिंग्स बंद करना अनिवार्य है।
Gmail में AI ट्रेनिंग बंद करने का तरीका
- Gmail खोलें
- ऊपर दिए सेटिंग (गियर आइकन) पर क्लिक करें
- See all settings पर जाएं
- नीचे स्क्रॉल करके “Smart features and personalization” सेक्शन ढूंढें
विकल्प का चयन हटाएं: “Turn on smart features in Gmail, Chat, and Meet.”
- नीचे जाकर Save करें
गूगल के अन्य प्रोडक्ट्स में ईमेल डेटा का इस्तेमाल कैसे रोकें
Gmail से ही ये स्टेप्स फॉलो करें:
- Settings → See all settings पर जाएं
- “Manage Workspace smart feature settings” सेक्शन ढूंढें
दोनों विकल्प बंद करें:
- Smart features in Google Workspace
- Smart features in other Google products
- Save changes दबाएं
किन देशों में यह फीचर डिफ़ॉल्ट रूप से बंद है?
EU, UK, स्विट्जरलैंड और जापान जैसे देशों में सख्त प्राइवेसी कानूनों के चलते यह फीचर ऑटोमेटिक रूप से बंद रहता है। भारत, अमेरिका और बाकी देशों में यूज़र को इसे खुद ऑफ करना पड़ता है।
