Gold Reserve: भारत में यहां मिला सोने का विशाल भंडार, तेज हुई खोजबीन

punjabkesari.in Sunday, Mar 23, 2025 - 07:04 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत में सोने की बढ़ती मांग और खनन क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं को देखते हुए कई राज्यों में सोने के भंडारों की खोज तेज हो गई है। हाल ही में ओडिशा के कई जिलों में सोने के भंडारों के संकेत मिले हैं, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को लेकर नई संभावनाएं बन रही हैं। ओडिशा विधानसभा में खनन मंत्री विभूति भूषण जेना ने इसकी पुष्टि की है और बताया है कि राज्य के विभिन्न जिलों में सोने के भंडारों की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कुछ अन्य क्षेत्रों में सर्वेक्षण जारी है। खनन मंत्री ने जानकारी दी कि सुनगढ़, नबरंगपुर, अंगुल और कोरापुट जिलों में सोने के भंडार पाए गए हैं। इसके अलावा, प्रारंभिक सर्वेक्षण में मलकानगिरी, संबलपुर और बौध जिलों में भी सोने के भंडार की संभावना जताई गई है। यह खोज ओडिशा को भारत के प्रमुख खनिज राज्यों में और मजबूती दे सकती है।

मयूरभंज जिले में बड़े पैमाने पर सर्वेक्षण

मयूरभंज जिले के जशिपुर, सुरियागुड़ा, रुआंसी, इडेलकुचा, मारेडीही, सुलेईपाट और बादमपहाड़ क्षेत्रों में व्यापक रूप से खोजबीन जारी है। इससे पहले देवगढ़ जिले के अदासा-रामपल्ली क्षेत्र में भी सोने के भंडार मिले थे, जब भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) तांबे की खोज के लिए G-2 स्तर की जांच कर रहा था। केओन्झार जिले के गोपुर-गाजीपुर, मांकाडचुआन, सलेइकाना और दिमिरीमुंडा क्षेत्रों में भी सोने की खोज के लिए गतिविधियां चल रही हैं। ओडिशा सरकार इस क्षेत्र में सोने के संभावित भंडार की खोज को गंभीरता से ले रही है।

खनन और नीलामी की तैयारी

ओडिशा सरकार अपना पहला सोने का खनन ब्लॉक देवगढ़ जिले में नीलामी के लिए तैयार कर रही है। यदि यह नीलामी सफल होती है, तो यह राज्य के खनन क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है। इसके साथ ही, GSI और ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन भी केओन्झार के मांकडचुआ, सलेइकाना और दिमिरीमुंडा क्षेत्रों में सोने की संभावनाओं की जांच कर रहे हैं। तकनीकी समितियां इन सर्वेक्षण रिपोर्ट्स का मूल्यांकन करने के बाद खनन और व्यावसायिक उपयोग के लिए अपनी सिफारिशें देंगी।

अन्य जिलों में जारी सर्वेक्षण

  • मयूरभंज के जशिपुर, सुरियागुड़ा और बादमपहाड़ क्षेत्रों में प्रारंभिक सर्वेक्षण जारी है।

  • देवगढ़ के जलाढी क्षेत्र में GSI ने तांबा-सोना खोज अभियान शुरू किया है, जिसके नतीजे 2025 तक आने की उम्मीद है।

  • केओन्झार के गोपुर-गाजीपुर क्षेत्रों में सोने की मात्रा का आकलन किया जा रहा है, लेकिन फिलहाल वहां नीलामी की कोई योजना नहीं है।

अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा

ओडिशा सरकार सोने के भंडारों की खोज को लेकर बेहद सतर्कता से काम कर रही है। इस खोज से न केवल राज्य के खनन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी नई मजबूती मिलेगी। अगर इन भंडारों का सफलतापूर्वक खनन किया जाता है, तो ओडिशा भारत के अग्रणी सोना उत्पादक राज्यों में शामिल हो सकता है।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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