2024 में भारत में सोने की मांग में 5% की वृद्धि, 802.8 टन का रिकॉर्ड कारोबार
punjabkesari.in Friday, Feb 07, 2025 - 12:16 PM (IST)
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नेशनल डेस्क: भारत में सोने की मांग में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, और 2024 में यह वृद्धि एक नया रिकॉर्ड बना गई है। 2024 में सोने की कुल मांग 5 प्रतिशत बढ़कर 802.8 टन तक पहुँच गई, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 761 टन था। इस वृद्धि का मुख्य कारण शादी-ब्याह के मौसम, त्योहारों और आयात शुल्क में कमी को माना जा रहा है, जो सोने की खरीदारी को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक रहे।
कुल कारोबार 5,15,390 करोड़ रुपये तक पहुंचा
विश्व स्वर्ण परिषद (WGC) की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारत में सोने का कारोबार 31 प्रतिशत बढ़कर 5,15,390 करोड़ रुपये हो गया, जो 2023 में 3,92,000 करोड़ रुपये था। यह आंकड़ा भारत में सोने के प्रति बढ़ती रुचि और मजबूत मांग को दर्शाता है। WGC के रीजनल चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर, सचिन जैन ने कहा कि 2025 में सोने की मांग में थोड़ी कमी हो सकती है और यह 700-800 टन के बीच रह सकती है, लेकिन शादी-ब्याह और त्योहारों से संबंधित मांग में स्थिरता देखने को मिल सकती है अगर कीमतों में कुछ स्थिरता आ जाए।
सोने की कीमतों में भारी वृद्धि
2024 में सोने की कीमतों में भी अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई। 2024 की शुरुआत में सोने की कीमत 79,390 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो अब बढ़कर 85,800 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुँच गई है। इस साल सोने की कीमतों में 6,410 रुपये की वृद्धि हुई, जो 8.07 प्रतिशत के करीब है। इस वृद्धि का असर आभूषण विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं की मजबूत मांग पर भी पड़ा। हाल ही में दिल्ली में सोने की कीमतें लगातार पांच सत्रों में बढ़ती रही हैं, और यह एक नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं।
चौथी तिमाही में मांग स्थिर रही
2024 की चौथी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर) के दौरान, सोने की मांग 265.8 टन के स्तर पर स्थिर रही, जो 2023 की चौथी तिमाही के 266.2 टन के बराबर थी। हालांकि, आभूषणों की मांग में दो प्रतिशत की कमी आई और यह 563.4 टन से घटकर 2024 में 575.8 टन हो गई। इसके बावजूद, आभूषणों की खरीदारी पर कोई महत्वपूर्ण नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा क्योंकि यह शादी-ब्याह और त्योहारों के कारण उच्च स्तर पर बनी रही।
भारत का सोने का आयात घटा
2024 में भारत का सोने का आयात 4 प्रतिशत घटकर 712.1 टन रह गया, जबकि 2023 में यह 744 टन था। इसके बावजूद, आयात में कमी होने के बावजूद भारतीय बाजार में सोने की मांग में कोई बड़ी गिरावट नहीं आई, जो दर्शाता है कि घरेलू मांग मजबूत बनी हुई है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने खरीदी 73 टन सोना
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 2024 में एक महत्वपूर्ण खरीदार के रूप में उभरा। RBI ने 2024 में 73 टन सोना खरीदा, जो 2023 में खरीदी गई 16 टन सोने से चार गुना अधिक है। यह दर्शाता है कि भारतीय रिजर्व बैंक सोने में मजबूत निवेश को प्राथमिकता दे रहा है, और भविष्य में भी इस तरह के निवेश का प्रवृत्ति जारी रहने की संभावना है।
वृद्धि के बावजूद, वैश्विक स्तर पर मांग स्थिर रही
वैश्विक स्तर पर, 2024 में सोने की कुल मांग 4,974 टन रही, जो 2023 में 4,945.9 टन थी। यह वृद्धि एक प्रतिशत की मामूली वृद्धि को दर्शाती है। हालांकि, उच्च कीमतें, कमजोर आर्थिक वृद्धि और वैश्विक अनिश्चितताएं मुख्य कारण रही, जिससे आभूषणों की मांग में गिरावट आई। इस अवधि के दौरान, अधिकतर देशों में आभूषणों की मांग स्थिर रही, जबकि अन्य क्षेत्रों में निवेश और उद्योग के क्षेत्र में सोने की खपत में वृद्धि देखी गई।
निवेश के रूप में गोल्ड ईटीएफ और डिजिटल गोल्ड की मांग में वृद्धि
भारत में खुदरा निवेशक भी सोने के विभिन्न रूपों में रुचि दिखा रहे हैं। गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs), डिजिटल गोल्ड और सोने के सिक्कों की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है। यह संकेत देता है कि निवेशक सोने को एक सुरक्षित और लाभकारी निवेश विकल्प के रूप में देख रहे हैं, जो भविष्य में और अधिक मजबूत हो सकता है। कुल मिलाकर, 2024 में भारत में सोने की मांग में जबरदस्त वृद्धि हुई है, और 2025 में भी इस वृद्धि का कुछ हिस्सा बने रहने की उम्मीद है। हालांकि, सोने की कीमतों में अस्थिरता और आर्थिक अनिश्चितताएं भविष्य में बाजार को प्रभावित कर सकती हैं, फिर भी सोने के प्रति निवेशकों और उपभोक्ताओं की रुचि में कोई बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है।