ताइवान पर भारत की वकालत से भड़का चीनः कहा-"कोई फायदा नहीं होगा", दुनिया में अपनी इमेज न बिगाड़ लेना

punjabkesari.in Tuesday, Aug 12, 2025 - 02:04 PM (IST)

International Desk: भारत में ताइवान के साथ संबंधों को मजबूत करने की बढ़ती मांग ने चीन को असहज कर दिया है। इस कूटनीतिक बहस में अब चीनी सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने खुलकर भारत पर निशाना साधा है। अख़बार ने अपने ताज़ा लेख में कहा कि ताइवान के मुद्दे को हवा देने से भारत को “कोई फायदा नहीं” होगा और इस रणनीति से केवल उसकी वैश्विक साख को नुकसान पहुंचेगा।

 

ग्लोबल टाइम्स की यह प्रतिक्रिया भारत के प्रमुख थिंक टैंकों और रणनीतिक विशेषज्ञों की उस वकालत के बाद आई है, जिसमें ताइवान के साथ आर्थिक और सीमित रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने की बात कही जा रही है। ऑब्ज़र्वर रिसर्च फ़ाउंडेशन (ORF) ने हाल ही में भारत-ताइवान के बीच 30 साल के अनौपचारिक संबंधों के उपलक्ष्य में एक शोधपत्र प्रकाशित किया था, जिसमें चीन को भड़काए बिना आर्थिक रिश्ते गहरे करने की सिफारिश की गई थी।लेख में चीन ने दावा किया कि यह विचार नया नहीं है और भारतीय रणनीतिक हलकों में लंबे समय से मौजूद है। मई में पूर्व राजदूत विजय गोखले और जुलाई में विश्लेषक ईरीशिका पंकज ने भी ताइवान को भारत की सुरक्षा और तकनीकी सहयोग के लिहाज़ से महत्वपूर्ण बताया था।

 

ग्लोबल टाइम्स ने आरोप लगाया कि भारत ताइवान के मुद्दे का इस्तेमाल चीन पर दबाव बनाने के लिए करना चाहता है, लेकिन यह एक “खराब रणनीति” है जो कभी सफल नहीं होगी। अख़बार ने कहा कि इस दृष्टिकोण से भारत की रणनीतिक विश्वसनीयता घटेगी और यह संकेत जाएगा कि वह चीन के साथ संबंध प्रबंधन में नाकाम है।साथ ही, अख़बार ने यह भी दावा किया कि ताइवान अपनी उन्नत तकनीक, विशेष रूप से सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में, भारत को नहीं देगा। उसने उदाहरण के तौर पर कहा कि TSMC ने भारत में कारखाना लगाने के प्रस्ताव को अस्वीकार किया था।
 


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Content Writer

Tanuja

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