नदी में तैरकर स्कूल जा रही छात्राएं, सिर पर बैग... जान जोखिम में डालकर बोर्ड परीक्षा की कर रही तैयारी
punjabkesari.in Monday, Jul 14, 2025 - 07:39 PM (IST)

नेशनल डेस्क: झारखंड के खूंटी ज़िले से एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। यहां 15 साल की छात्रा सुनीता होरो (बदला हुआ नाम) हर हफ्ते दो-तीन बार नदी तैरकर स्कूल जाती है, क्योंकि उसका गांव अब मुख्य सड़क से पूरी तरह कट गया है। दरअसल, खूंटी के पेलेल गांव को रांची-खूंटी-सिमडेगा मार्ग से जोड़ने वाला पुल 19 जून को भारी बारिश के चलते टूट गया। यह वही पुल है, जिसे साल 2007 में 1.30 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था। अब यह टूटा हुआ पुल ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।
बोर्ड परीक्षा नजदीक, स्कूल जाना जरूरी
सुनीता खूंटी के सरकारी हाई स्कूल में पढ़ती है और अगले साल बोर्ड परीक्षा देने वाली है। उसने बताया, "शुरुआत में गांववालों ने एक बांस की सीढ़ी से रास्ता बनाया था, लेकिन प्रशासन ने उसे खतरनाक बताते हुए हटा दिया। अब तैरकर जाना ही एकमात्र विकल्प बचा है।"
सुनीता की तरह अंगरबारी और आसपास के गांवों के कई छात्र-छात्राएं इस खतरनाक रास्ते से स्कूल जाने को मजबूर हैं। नदी पार करते वक्त वे अपने बैग को सिर के ऊपर रखकर पार करते हैं, लेकिन कपड़े पूरी तरह भीग जाते हैं। इसलिए उन्हें अतिरिक्त कपड़े लेकर स्कूल जाना पड़ता है।
बढ़ा समय, बढ़ी परेशानी
जहां पहले स्कूल जाने में सिर्फ 5 मिनट लगते थे, अब 12 किलोमीटर का चक्कर लगाकर 40 मिनट में पहुंचना पड़ता है। इससे न केवल समय और मेहनत बढ़ी है, बल्कि रोज़ का खर्च भी आम ग्रामीणों के लिए बोझ बन गया है। छात्राओं का कहना है कि इतना थकान भरा सफर करने के बाद अगले दिन स्कूल जाना मुश्किल हो जाता है।
सिर्फ छात्र नहीं, 12 गांवों की जिंदगी ठप
पुल टूटने से खूंटी और रांची के बीच सीधा संपर्क टूट गया है। इस मार्ग से गुजरने वाली ओडिशा जाने वाली बसें और भारी वाहन भी प्रभावित हो रहे हैं। 12 गांवों के लोग रोजमर्रा की ज़रूरी चीजों के लिए परेशान हैं।
वैकल्पिक रास्ता बन रहा है, बारिश बनी बाधा
खूंटी की सब-डिविजनल ऑफिसर (SDO) दीपेन्दु कुमारी ने जानकारी दी कि वैकल्पिक रास्ता बनाने का काम शुरू कर दिया गया है, लेकिन लगातार बारिश के कारण निर्माण कार्य में दिक्कत आ रही है। फिलहाल ट्रैफिक को अस्थाई रूप से दूसरी दिशा में डायवर्ट किया गया है।