समझदारी से किडनैप होने से बची बच्ची, बच्चा उठाने वाले गैंग को ऐसे दिया चकमा
punjabkesari.in Thursday, Dec 05, 2019 - 03:49 PM (IST)
नेशनल डेस्कः 10 साल की एक बच्ची को कुछ किडनैपर ने उठाने की कोशिश की लेकिन उसने अपनी सूझबूझ से बच्चा गैंग वालों को चकमा दे दिया। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मंगलवार को 5वीं क्लास में पढ़ने वाली बच्ची दोपहर को जब अपनी स्कूल बस से सोसायटी के मेन गेट से कुछ दूरी पर बने बस स्टॉप के पास उतरी तो बाकी बच्चे तो आगे चले गए लेकिन वह बच्ची थोड़ा पीछे रह गई। तभी एक अनजान शख्स उसके पास आया और कहा कि तुम्हारी मम्मी सोसायटी के दूसरी तरफ तुम्हारा इंतजार कर रही है। शख्स ने बच्ची को कहा कि तुम्हारी मम्मी ने मुझे भेजा है तुम्हें ले जाने के लिए। इस पर बच्ची ने कहा कि अगर मेरी मम्मी ने तुम्हें भेजा हो तो पहले पासकोड बताओ। शख्स सही पासकोड नहीं बता पाया और बच्ची समझ गई कि यह गलत इंसान है और वह वहां से तेजी से भाग गई। बच्ची ने घर आकर अपने पैरंट्स को इस घटना के बारे में बताया। जब तक वे लोग बाहर आए वह शख्स वहां से जा चुका था।
पैरंट्स ने समझाया था पासकोड
बच्ची को उसके माता-पिता ने एक पासकोड बता रखा था और बच्ची को समझाया था कि जब भी कोई अनजान व्यक्ति उससे ये कहे कि तुम्हारे पैरंट्स तुम्हें बुला रहे हैं तो वह उनसे पासकोड पूछे और सही जवाब मिलने के बाद ही उनके साथ जाए वर्ना उससे बात न करे।
बच्चों को aware करना जरूरी
माता-पिता के लिए बेहद जरूरी है कि वे अपने बच्चों को जागरूक करें। इन दिनों बच्चा गैंग काफी सक्रिय है और कई राज्यों से बच्चा उठाने जैसे खबरे भी मिल चुकी हैं। ऐस में बच्चों की सेफ्टी माता-पिता के लिए प्राथमिक होनी चाहिए। बच्चों को कोई झूठ बोलकर या फिर बहला-फुसलाकर न ले जाए इसके लिए जरूरी है कि पैरंट्स बच्चों को बताएं कि वे किसी अंजान के साथ बात न करें तो बेहतर हैं और अगर कोई उन्हें ऐसा शख्स लेने आए जिनको वो नहीं जानते तो उनसे दूरी बना कर रखे।
क्या करें पैरंट्स
- माता-पिता बच्चे को कोई ऐसा कोड बताएं जो उसे आसानी से याद रहे। अगर कोई अंजान व्यक्ति बच्चे को उसके पैरंट्स का दोस्त या नजदीकी भी बताए तो भी बच्चा बिना कोड का जवाब हासिल किए बिना उसके साथ न जाए।
- बच्चों को अपना मोबाइल नंबर, घर का लैंडलाइन नंबर, अपने घर का पता सब अच्छे से पता होना चाहिए।
- किसी अंजान शख्स से बच्चा न बात करे और न उससे कोई चीज ले इसके बारे में उसे अच्छे से समझाएं। चॉफी, चॉकलेट और यहां तक की आईसक्रीम के लालच में भी उस शख्स के साथ न जाए।
- बच्चों के साथ ऐसा माहौल बनाएं कि वह स्कूल से लेकर प्ले ग्राउंड तक उसका दिन कैसे बीता वो सब खु ही शेयर करे। अगर माता-पिता शुरू से बच्चे से इन बातों पर चर्चा करेंगे तो वो उसकी आदत बन जाएगी और वो खुद ही स्कूल में क्या क्या हुआ, सब शेयर करेगा।
- बच्चे को भरोसे में रखें कि आप हमेशा उनके साथ हैं और उनके दोस्त भी हैं।
- अगर बच्चा छोटा है और स्कूल बस उसे घर से कुछ दूरी पर उतार दे तो वहां आप पहले पहुंच जाएं ताकि बच्चे को ज्यादा देर तक अकेले न खड़ा होना पड़े।
- अगर बच्चा थोड़ा समझदार है तो घर के आसपास के बच्चे भी उसी स्कूल में पढ़ते हैं तो उसे कहें कि एकसाथ ग्रुप में ही घर आएं ताकि कोई अंजान आपके पास आए भी तो अन्य साथी के साथ होने पर बच्चा घबराएगा नहीं।