कुतुब मीनार और लाल किले पर गिरिराज सिंह का विवादित बयान: ‘बाबर, अकबर, हिमायूं’ की क्या जरूरत? इसे भी हटा दो
punjabkesari.in Monday, Dec 02, 2024 - 02:43 PM (IST)
नेशनल डेस्क: संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो चुका है, और इस सत्र के दौरान राजनीति में एक बार फिर से हंगामा मच गया है। विपक्ष सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है, जहां विपक्षी नेता सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि वह कई अहम मुद्दों से भाग रही है, जैसे कि अडानी, संभल मस्जिद विवाद और अन्य। हालांकि, इस दौरान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने विपक्ष पर जोरदार पलटवार किया है और कई विवादित बयान भी दिए।
विपक्ष केवल हंगामा करना चाहता है
गिरिराज सिंह ने संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष के रवैये पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि विपक्ष सिर्फ हंगामा करने की कोशिश कर रहा है, जबकि उन्हें मुद्दों पर गंभीर बहस करनी चाहिए थी। गिरिराज सिंह ने कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा उठाए गए मुद्दों पर भी हमला किया और कहा कि विपक्ष अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए ऐसे आरोप लगा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष संसद में केवल विरोध प्रदर्शन करना चाहता है, न कि वास्तव में जनहित में बहस करना।
कांग्रेस के नेता खड़गे को जवाब
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आरोपों पर गिरिराज सिंह ने कहा कि खड़गे साहब समाज में भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने खड़गे पर आरोप लगाया कि वह हिंदू-मुसलमान की राजनीति कर रहे हैं। गिरिराज सिंह ने कहा, "आप कानून की अवहेलना कैसे कर सकते हैं? कोर्ट का आदेश था कि सर्वे किया जाए, और यह आदेश हर किसी को मानना चाहिए।" उनका कहना था कि जिन लोगों ने इस सर्वे का विरोध किया, उन्हें यह समझना चाहिए कि यह कानूनी प्रक्रिया थी।
कुतुब मीनार और बाबर के नाम पर गिरिराज का बयान
गिरिराज सिंह ने इस दौरान एक और विवादास्पद बयान देते हुए कहा, "कुतुब मीनार और बाबर, अकबर, हिमायूं जैसे नामों को क्यों रखा गया है? हमें इन सब चीजों को हटा देना चाहिए।" उनका कहना था कि ये सब नेहरू के समय के फैसले थे, जिनका खामियाजा अब देश को भुगतना पड़ रहा है। गिरिराज सिंह ने यह भी कहा कि अगर लाल किले के अंदर कोई सबूत मिलेगा तो वह भी अदालत में जाएगा। उनके इस बयान से संसद में एक नया विवाद खड़ा हो गया है, क्योंकि यह बयान ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों पर सवाल उठाता है।
लाल किले को भी हो सकता है निशाना
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पहले ही यह आरोप लगाया था कि कुछ लोग जानबूझकर देश का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। खड़गे ने कहा था कि कुछ लोग मस्जिदों में मंदिरों की बात करते हैं और आने वाले दिनों में यह लोग लाल किले को भी मुद्दा बनाएंगे। खड़गे का कहना था कि कुछ दिनों बाद यह लोग लाल किले को भी गिरा देंगे। इस बयान ने संसद में हलचल मचा दी थी और गिरिराज सिंह ने खड़गे के बयान का जवाब दिया।
विपक्षी नेताओं के विरोध में आरोप-प्रत्यारोप
गिरिराज सिंह के इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने गिरिराज सिंह के बयान को तवज्जो न देने की बात कही है। वहीं, कुछ विपक्षी नेताओं ने गिरिराज सिंह की टिप्पणियों को असंवेदनशील और सांप्रदायिक बताया है। उनके अनुसार, ऐसे बयान देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा हो सकते हैं।
शीतकालीन सत्र में और क्या हो रहा है?
संसद के शीतकालीन सत्र में न केवल राजनीतिक बयानबाजी का दौर जारी है, बल्कि कुछ और मुद्दों पर भी विवाद उठ रहे हैं। सत्र के पहले दिन ही यह देखा गया कि विपक्ष ने सरकार पर कई मुद्दों पर आरोप लगाए, जिनमें मुख्य रूप से अडानी विवाद और हाल ही में संभल में हुए घटनाक्रम शामिल थे। गिरिराज सिंह ने इन आरोपों का जवाब दिया और संसद में बहस की प्रक्रिया को लेकर विपक्ष को आड़े हाथों लिया। इस बीच, संसद में सीटों के आवंटन को लेकर भी विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई थी। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने कहा कि सीटों का आवंटन असंगत है, और इसे बदलने की आवश्यकता है। इस पर भी गिरिराज सिंह ने कहा कि विपक्ष को गंभीर मुद्दों पर बहस करनी चाहिए, न कि केवल हंगामा करना चाहिए। कुल मिलाकर, संसद का शीतकालीन सत्र इस बार कई विवादों और आरोप-प्रत्यारोप से घिरा हुआ है। गिरिराज सिंह के कुतुब मीनार और बाबर जैसे नामों पर दिए गए विवादास्पद बयान ने इस सत्र में एक नई चर्चा को जन्म दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इन बयानों के बाद संसद में क्या नई बहसें उभरकर सामने आती हैं।