''पाकिस्तान को सख्त सबक सिखाने की जरूरत है'', गुलाम नबी आजाद बोले- पहले भी धर्म पूछकर मारते थे आतंकी

punjabkesari.in Wednesday, Apr 30, 2025 - 01:54 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने पहलगाम आतंकी हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाकिस्तान को सख्त सबक सिखाने की आवश्यकता है। उन्होंने भारत में एकता बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि सुरक्षा में कमियों की चर्चा करने की बजाय हमें पाकिस्तान पर निर्णायक कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

आजाद ने कहा, "देश में आठ दिनों से एक ही सुर में कहा जा रहा है कि अब बहुत हो गया, अब पाकिस्तान को सबक सिखाने का समय है। प्रधानमंत्री और सरकार को सोचना होगा कि यह कार्रवाई कब और कहां की जानी चाहिए।" उन्होंने आगे कहा कि सरकार का हालिया फैसला, जिसमें सेना को पूरी छूट दी गई है, सकारात्मक कदम है और हमें सरकार के निर्णय का समर्थन करना चाहिए।

'मल्टी प्रोन स्ट्रैटेजी से आतंकवाद पर काबू पाया जा सकता है'
गुलाम नबी आजाद ने इस बात पर जोर दिया कि मल्टी प्रोन स्ट्रैटेजी यानी एक साथ कई मोर्चों पर काम करने से आतंकवादी घटनाओं में कमी लाई जा सकती है। उन्होंने कहा, "ज्यादातर आतंकी वे लोग होते हैं जो गरीब और बेरोजगार होते हैं। वैचारिक रूप से मजबूत आतंकी बहुत कम होते हैं।"

'धर्म पूछकर हमला करना एक पुराना तरीका है'
उनका कहना था कि आतंकवादियों का धर्म पूछकर हमला करना एक पुराना तरीका है, जैसा कि पंजाब में सिखों को निशाना बनाया जाता था और हिंदुओं को छोड़ दिया जाता था। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के जाल में देश को नहीं फंसना चाहिए और हमें पाकिस्तान की चालों से बचकर रहना चाहिए।

सुरक्षा मुद्दों पर नहीं, एकता बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करना होगा
आजाद ने सुरक्षा में कमी की चर्चा करते हुए कहा कि ऐसे मामलों पर अब अधिक बहस करने का समय नहीं है। "हमें समय का सही उपयोग करना चाहिए। सुरक्षा की समस्याओं पर बहस करने से सिर्फ दुश्मन को फायदा होगा।" उन्होंने यह भी कहा कि अलग-अलग भाषाएं बोलने का समय नहीं है, बल्कि यह एकता बनाए रखने का वक्त है। "हमारा विभाजन पाकिस्तान को फायदा पहुंचा सकता है, इसलिए हमें एकजुट रहना चाहिए।" गुलाम नबी आजाद ने पाकिस्तान की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान इस समय फौज और राजनीतिक दलों के विवादों के बावजूद एकजुट हो गया है। "हमें भी एक रहना होगा, क्योंकि हमारे बीच का विभाजन पाकिस्तान को मौका देगा।" उन्होंने यह भी कहा कि हमें ऐसी कार्रवाई करनी चाहिए कि दुश्मन भी मारा जाए और हमारा सैन्य बल भी सुरक्षित रहे।

पार्लियामेंट सत्र पर अहम बयान
पूर्व मुख्यमंत्री ने संसद के सत्र को लेकर भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, "अगर संसद का सत्र बुलाया जाता है, तो सभी दलों को केवल इस आतंकी हमले और पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। बाकी मुद्दे अगले सत्र में उठाए जा सकते हैं।"

धर्म के नाम पर बदला नहीं लिया जाना चाहिए
गुलाम नबी आजाद ने स्पष्ट किया कि आतंकी हमले का दोषी पाकिस्तान का मुस्लिम नागरिक था, लेकिन धर्म के आधार पर बदला लेने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा, "गुनाह करने की सजा व्यक्ति को मिलनी चाहिए, पूरी कौम को नहीं।" उनका कहना था कि धर्म के नाम पर किसी को भी प्रताड़ित करने की जरूरत नहीं है।

सजग रहने की आवश्यकता
आजाद ने अंत में यह कहा कि "हमारे बीच का कोई भी विभाजन पाकिस्तान के लिए एक मौका हो सकता है। हमें सजग रहना होगा, क्योंकि हमारे बीच की एकता ही पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।" उन्होंने स्पष्ट किया कि यह लड़ाई राजनीतिक दलों या नेताओं के बीच नहीं, बल्कि फौज के नेतृत्व में लड़ी जाएगी।


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Content Editor

Harman Kaur

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