27 KG सोना, 1116 KG चांदी और... सरकार ने जब्त की पूर्व CM की सारी संपत्ति
punjabkesari.in Friday, Feb 14, 2025 - 05:07 PM (IST)
![](https://static.punjabkesari.in/multimedia/2025_2image_16_24_253469719jaylalita.jpg)
नेशनल डेस्क: तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में कोर्ट के फैसले के बाद उनकी संपत्तियां 14 फरवरी 2025 को तमिलनाडु सरकार को सौंप दी गईं। इन संपत्तियों में 27 किलो सोना, 1116 किलो चांदी और 1526 एकड़ जमीनें शामिल हैं। जयललिता का निधन 2016 में हो चुका था, और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई पूरी होने के बाद अब यह संपत्तियां सरकार के पास चली गई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला 1991 से 1996 के बीच उनके पहले मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान दर्ज किया गया था। आरोप था कि उन्होंने अपनी वैध आय से कहीं अधिक संपत्ति जमा की, जिसमें लगभग 67 करोड़ रुपये की संपत्ति शामिल थी। यह मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत दर्ज किया गया था और इसकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और आयकर विभाग ने की थी।
संपत्तियां जब्त होने के बाद कोर्ट की कार्यवाही
बेंगलुरु की विशेष अदालत ने 27 सितंबर 2014 को जयललिता को दोषी ठहराया और उन्हें चार साल की सजा और 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। इसके बाद, जयललिता को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और जेल जाना पड़ा। हालांकि, मई 2015 में कर्नाटका हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था और वह फिर से मुख्यमंत्री बन पाईं। लेकिन 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए निचली अदालत की सजा को बरकरार रखा। इसी बीच जयललिता का 2016 में निधन हो गया था, जिससे उनके खिलाफ की गई कार्रवाई का समापन हो गया।
14 फरवरी को संपत्तियां सरकार को ट्रांसफर
जयललिता की संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया में, 27 किलो 558 ग्राम सोने के जेवरात, 1116 किलो चांदी और 1526 एकड़ जमीनें शामिल थीं। इन संपत्तियों को कर्नाटक विधानसभा के कोषागार में सुरक्षित रखा गया था। अब 14 फरवरी 2025 को इन संपत्तियों को तमिलनाडु सरकार को सौंप दिया गया है। यह प्रक्रिया कोर्ट और सरकारी अधिकारियों की मौजूदगी में पूरी की गई।
कड़ी सुरक्षा और वीडियोग्राफी के साथ संपत्ति की ट्रांसफर प्रक्रिया
तमिलनाडु के गृह विभाग के संयुक्त सचिव और ट्रेजरी अधिकारियों ने इस प्रक्रिया में विशेष सतर्कता बरती। संपत्तियों को सरकार के अधिकारियों को सौंपने से पहले पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई और तगड़ी सुरक्षा के बीच संपत्तियां हस्तांतरित की गईं।
जे दीपा का दावा और अदालत का निर्णय
जयललिता के निधन के बाद उनकी भतीजी जे दीपा ने इस संपत्ति पर दावा किया था। उन्होंने कोर्ट में अपनी दावे को लेकर मामला दायर किया, लेकिन अदालत ने उनके खिलाफ फैसला सुनाया और कहा कि यह संपत्ति भ्रष्टाचार के मामले में जब्त की गई है, इसलिए यह तमिलनाडु सरकार की है, न कि जयललिता के परिवार की।