वक्फ पर टिप्पणी करना पड़ा भारी, अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष को मिली जान से मारने की धमकी

punjabkesari.in Friday, Apr 04, 2025 - 05:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनवर मणिप्पाडी ने शुक्रवार को दावा किया कि उन्हें इंटरनेट आधारित कॉल के माध्यम से कई बार जान से मारने की धमकियां मिली हैं। इन धमकियों के कारण मणिप्पाडी को अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता उत्पन्न हो गई है। उन्होंने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

मणिप्पाडी के अनुसार, यह धमकियां बुधवार रात से शुरू हुईं और गुरुवार तड़के तक जारी रहीं। सात-आठ घंटों में उन्हें 10 से अधिक धमकी भरे कॉल आए। धमकी देने वालों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन वे हिंदी, उर्दू, मलयालम और तुलु भाषाओं में बोल रहे थे। मणिप्पाडी ने कहा कि कॉल करने वालों में से एक ने अंग्रेजी में बात की और उसके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन भी हो सकते हैं।

'यह कॉल शरारतपूर्ण नहीं थे... '
मणिप्पाडी ने कहा, "यह कॉल शरारतपूर्ण नहीं थे। जिस तरह से धमकी दी गई, उसका लहजा बहुत गंभीर था। यह मुझे डराने के लिए किया गया था। मैंने वक्फ संपत्तियों पर जो कुछ कहा था, वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा करते हुए उद्धृत किया था। यह मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से सम्मान की बात है, लेकिन मुझे इस तरह की धमकी की उम्मीद नहीं थी।"

मामले की जांच में जुटी पुलिस
मणिप्पाडी ने साइबर अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कराई है और जांच जारी है। पुलिस अधिकारियों ने यह पुष्टि की है कि वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि ये कॉल कहां से की गई थीं। बताया जा रहा है कि इन कॉल्स के लिए वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (VOIP) प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया गया था।

मणिप्पाडी ने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के लिए कर्नाटका में अल्पसंख्यक समुदायों से जुड़े कई मुद्दों पर सक्रिय रूप से काम किया है। अब तक, इन धमकी भरे कॉल की जिम्मेदारी किसी भी समूह ने नहीं ली है। भाजपा के राज्य नेताओं ने इन धमकियों की कड़ी निंदा की है और मणिप्पाडी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कदम उठाने की अपील की है। पुलिस ने मणिप्पाडी के आवास के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है।


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Content Editor

Harman Kaur

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