भारी पड़ सकती थी वन कर्मियों की लापरवाही...

punjabkesari.in Sunday, Dec 11, 2016 - 10:39 AM (IST)

पंचकूला (मुकेश) : वन विभाग कर्मियों की लापरवाही से कई लोगों की जान पर बन सकती थी। जानकारी के अनुसार शुक्रवार दोपहर बाद करीब साढ़े 4 बजे वन विभाग के कर्मी बेरवाला गांव के पास सड़क किनारे काम कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने देखा कि उड़ती हुई कोई चीज पहाड़ पर आकर गिरी हुई है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पहाड़ पर गिरते ही मिट्टी का काफी ऊंचा गुबार उठा था। इन वन कर्मियों ने मौके पर जाकर जांच करने की जहमत नहीं उठाई, न ही अधिकारियों या पुलिस को भी इस वाक्या के बारे में जानकारी देना मुनासिब समझा। 

 

सारी रात वह बम नुमा चीज वहीं पहाड़ी पर ही पड़ी रही। हालांकि इस चीज से किसी तरह की छेड़छाड़ भी भारी पड़ सकती थी। सुबह जब वन कर्मी मौके पर गए तो उनकी आंखें फटी रही गईं। उन्होंने देखा कि यह 6 फीट लंबा और 500 किलो वजनी बम नुमा चीज है। जहां पर यह गिरा था वहां काफी काफी गहरा गड्डा हो गया था। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई व सूचना मिलने के बाद पुलिस ने सीन ऑफ क्राइम टीम को मौके पर बुलवाया। 

 

वहीं चंडीमंदिर स्थित सेना के वैस्टर्न कमांड हैडक्वार्टर को भी इसकी सूचना दी गई। सेना का बम स्कवायड भी मौके पर पहुंचा। टीम ने मौके का मुआयना किया क्योंकि गोले को कहीं से डिफ्यूज नहीं किया जा सकता था इसलिए टीम ने उससे छेड़ाछाड़ नहीं की। देखते ही देखते एयरफोर्स से विंग कमांडर रैंक के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने भी मिसाइल की तरह दिखने वाले गोले का निरीक्षण किया। सीनियर अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई। यही नहीं, मोबाइल के जरिए फोटो खींच कर सीनियर अधिकारियों को भेजी गई।  

 

गोले में नहीं दिखा कोई फ्यूज
सेना और एयरफोर्स के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मिसाइल  की तरह दिखने वाले गोले पर ऊपर अंग्रेजीमें हाईन बिल्डिर्स लिखा हुआ है और उसे किसी भी तरफ  से ड्फ्यूज नहीं किया जा सकता। देर शाम रामगढ़ स्थित ब्लॉस्टिक टर्मिनल से भी सीनियर अधिकारी और चंडीगढ़ से सीनियर साइंटिस्ट मौके पर पहुंचे। हैरान करने वाली बात यह है कि एयरफोर्स अधिकारियों का कहना है कि अगर उनका होता तो उसके ऊपर कुछ कोड्स जरूर होते। इस दिनों पंचकूला के आसपास सेना का कोई अभ्यास भी नहीं चल रहा।   

 

नहीं जली पुलिस जिप्सी में रखी बड़ी टॉर्च
शनिवार दिन ढलने के बाद एस.पी. अनिल धवन के साथ सेना और एयरफोर्स के सीनियर अफसर भी बम को देखने के लिए पहाड़ी पर चढ़े। पुलिस की जिप्सी से जैसे ही बड़ी टॉर्च निकालने के लिए कहा गया तो पता चला कि टॉर्च तो खराब हो रखी है। इसके बाद एक छोटी टॉर्च और मोबाइल फोन की टॉर्च की रोशनी में अधिकारी पहाड़ी पर चढ़े और बम का निराक्षण किया।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News