For the first time in the history of KBC: कंटेस्टेंट ने बीच में छोड़ा शो, अमिताभ बच्चन हुए हैरान
punjabkesari.in Saturday, Oct 19, 2024 - 11:59 AM (IST)
नेशनल डेस्क: 'कौन बनेगा करोड़पति' (KBC) शो ने साल 2000 से लेकर आज तक भारतीय टेलीविजन पर एक खास जगह बना ली है। यह क्विज शो न केवल ज्ञान की परीक्षा लेता है, बल्कि प्रतियोगियों को बड़े इनाम भी प्रदान करता है। कई प्रतिभागियों ने शो से लखपति और करोड़पति बनने का सपना पूरा किया है, लेकिन इस बार शो के 16वें सीजन में ऐसा कुछ हुआ जो पहले कभी नहीं देखा गया।
डॉ. नीरज सक्सेना का अनोखा निर्णय
इस बार के एपिसोड में एक खास घटना हुई, जब कोलकाता से आए कंटेस्टेंट डॉ. नीरज सक्सेना ने अमिताभ बच्चन को हैरान करते हुए गेम को बीच में छोड़ने का निर्णय लिया। शो के एक प्रोमो में दिखाया गया कि नीरज ने अमिताभ से निवेदन किया कि वे खेल को छोड़ना चाहते हैं ताकि दूसरे प्रतियोगियों को खेलने का अवसर मिल सके। यह बात सुनकर न केवल अमिताभ बल्कि शो में मौजूद सभी दर्शक चकित रह गए।
शानदार खेल और धनराशि
डॉ. नीरज सक्सेना, जो JSI यूनिवर्सिटी के PRO चांसलर हैं, ने शो में अच्छा खेलते हुए 6,40,000 रुपये की धनराशि जीत ली थी। हालांकि, उन्होंने इस धनराशि को जीतने के बावजूद शो को छोड़ने का फैसला किया। नीरज का मानना था कि इस समय बाकी प्रतियोगियों को भी एक मौका मिलना चाहिए, और उन्होंने कहा, "यहां सब हमसे छोटे हैं, जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।"
अमिताभ बच्चन की प्रतिक्रिया
नीरज की बात सुनकर अमिताभ बच्चन कुछ क्षणों के लिए स्तब्ध रह गए। उन्होंने कहा, "सर, हमने पहले कभी ये उदाहरण नहीं देखा। यह आपकी महानता और बड़ा दिल है। आपने हमें आज बहुत कुछ सिखाया है।" बिग बी ने यह भी बताया कि यह पहली बार है जब किसी कंटेस्टेंट ने अपने साथियों के लिए गेम को क्विट करने का फैसला किया है।
दर्शकों की सराहना
नीरज का यह स्वभाव देखकर वहां मौजूद दर्शकों ने भी उनकी सराहना की। यह घटना न केवल KBC के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, बल्कि यह दर्शाती है कि खेल के दौरान सहानुभूति और एकता का क्या महत्व होता है। दर्शकों ने नीरज के इस निर्णय को देखकर कहा कि यह खेल की भावना को बढ़ावा देता है।
खेल की भावना और सहयोग
इस घटना ने सभी को यह याद दिलाया कि प्रतियोगिता केवल व्यक्तिगत जीत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दूसरों की भलाई का भी ध्यान रखती है। डॉ. नीरज सक्सेना ने यह साबित किया कि वह केवल एक अच्छे प्रतियोगी ही नहीं, बल्कि एक अच्छे इंसान भी हैं। उनकी उदारता ने इस शो को और भी विशेष बना दिया है। KBC के इस एपिसोड ने यह साबित कर दिया कि ज्ञान और उदारता का संयोजन कैसे एक सकारात्मक बदलाव ला सकता है। डॉ. नीरज का यह कदम न केवल उनके व्यक्तिगत खेल के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि उन्होंने शो के अन्य प्रतियोगियों को भी एक नया अवसर प्रदान किया। यह एक अनूठा उदाहरण है कि कैसे प्रतियोगिता और मानवता एक साथ चल सकते हैं। इस घटना ने KBC के दर्शकों को यह सिखाया कि एक अच्छे इंसान बनने का मतलब केवल धन कमाना नहीं है, बल्कि दूसरों के लिए भी अवसर पैदा करना है। इस प्रकार, डॉ. नीरज सक्सेना का यह निर्णय न केवल उनके लिए, बल्कि सभी के लिए एक प्रेरणा बन गया है।