पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर रच रही थी साजिश, लश्कर की ''डिजिटल जिहादी'' तानिया परवीन पर NIA का बड़ा खुलासा

punjabkesari.in Tuesday, May 13, 2025 - 06:30 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल के एक छोटे से कस्बे बादुरिया की 22 वर्षीय छात्रा तानिया परवीन, जो कोलकाता के मौलाना आजाद कॉलेज में एमए (अरबी भाषा) की पहली वर्ष की छात्रा थी, अब राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा मानी जा रही है। साल 2020 में गिरफ्तार की गई तानिया को लेकर अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। एनआईए की जांच में सामने आया है कि तानिया परवीन सिर्फ एक छात्रा नहीं, बल्कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की सक्रिय सदस्य थी। वह सोशल मीडिया के ज़रिए कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने, युवाओं की भर्ती करने और भारतीय सैन्य अधिकारियों को हनी ट्रैप में फंसाने जैसे खतरनाक कामों में शामिल थी।

पाकिस्तान से मिला था ISI और LeT का प्रशिक्षण

जांच एजेंसी के अनुसार तानिया को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) और लश्कर की ओर से खास ट्रेनिंग दी गई थी। उसे ऑनलाइन जिहादी गतिविधियों को फैलाने के लिए तैयार किया गया था। यही नहीं, तानिया 70 से ज्यादा जिहादी सोशल मीडिया ग्रुप्स की सदस्य थी, जहां वह कट्टरपंथी विचारों का प्रचार करती थी। NIA ने बताया कि तानिया सोशल मीडिया पर फर्जी नाम और पहचान के साथ प्रोफाइल बनाकर भारतीय सुरक्षा बलों के जवानों से दोस्ती करती थी। इसके बाद उन्हें अपने जाल में फंसाकर उनसे संवेदनशील जानकारी निकालने की कोशिश करती थी। यह 'हनी ट्रैपिंग' का हिस्सा था जिसे पाकिस्तानी एजेंसियों ने योजनाबद्ध तरीके से तैयार किया था।

युवाओं की भर्ती में भी थी सक्रिय

तानिया केवल जासूसी तक सीमित नहीं थी। वह पूर्वी भारत और खासकर पश्चिम बंगाल में लश्कर-ए-तैयबा के नेटवर्क को फैलाने के मिशन पर भी काम कर रही थी। जांच में पता चला कि वह नौजवानों को आतंक के रास्ते पर धकेलने की कोशिश कर रही थी। उसने कई युवाओं से संपर्क किया और उन्हें आतंकी संगठन से जोड़ने का प्रयास किया।

 एनआईए ने दायर की 850 पन्नों की चार्जशीट

NIA ने अब तानिया परवीन के खिलाफ UAPA (गैरकानूनी गतिविधि निवारण अधिनियम) की कई धाराओं के तहत केस दर्ज कर 850 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में उसकी सोशल मीडिया चैट, फर्जी प्रोफाइल, पाकिस्तानी आकाओं से बातचीत और भर्ती अभियान के पुख्ता सबूत हैं।

पाकिस्तानी एयरफोर्स से भी रहा है जुड़ाव

एक और सनसनीखेज जानकारी यह है कि तानिया परवीन पाकिस्तानी एयरफोर्स की पूर्व कर्मी भी रही है। रिपोर्ट के अनुसार वह कमांडो ट्रेनिंग प्राप्त कर चुकी थी। यह बात उसके खतरनाक मंसूबों और रणनीतिक कौशल की ओर इशारा करती है। NIA के अनुसार तानिया का केस बताता है कि आतंकवाद अब सिर्फ सीमा पार से हथियारों के जरिये नहीं बल्कि इंटरनेट के ज़रिए घर-घर तक पहुंच चुका है। एक आम लड़की के चेहरे के पीछे छुपा एक कट्टरपंथी एजेंडा, भारत की सुरक्षा व्यवस्था को अंदर से तोड़ने की बड़ी कोशिश थी।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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