Exclusive Interview: लोगों को सोचने पर मजबूर करेगी ‘सेक्शन 375’

punjabkesari.in Friday, Sep 13, 2019 - 12:25 PM (IST)

नई दिल्ली। हिंदी सिनेमा (Hindi Cinema) हमेशा से सामाजिक मुद्दों को अपनी कहानी के जरिए दर्शकों के सामने लाता रहा है। फिर चाहे वो करप्शन हो, महिलाओं के साथ हो रहा शारीरिक उत्पीड़न हो या फिर पॉलिटिकल राइवल्री हो। इंडियन पैनल कोड (Indian Penal Code) के सेक्शन-375 (Section 375) के इर्द-गिर्द घूमती इस कोर्टरूम ड्रामा (CourtRoom Drama) फिल्म में किसी भी महिला की सहमति और इच्छा के बीच के फर्क के बारे में बात की गई है। यह फिल्म 13 सितम्बर को रिलीज हो रही है। इस फिल्म की सबसे खास बात यह है कि पहली बार इस मुद्दे को बड़े पर्दे पर उतारा जा रहा है। सच्ची घटनाओं पर आधारित इस फिल्म में अक्षय खन्ना (Akshaye Khanna), ऋचा चड्ढा (Richa Chadda), राहुल भट्ट (Rahul Bhat) और मीरा चोपड़ा (Meera Chopra) मुख्य भूमिका में नजर आ रहे हैं। फिल्म को डायरेक्ट किया है अजय बहल (Ajay Bahl) ने। फिल्म के प्रोमोशन के लिए दिल्ली (Delhi) पहुंचे अक्षय, ऋचा, राहुल, मीरा और अजय ने पंजाब केसरीनवोदय टाइम्सजगबाणीहिंद समाचार से बातचीत की। पेश हैं इसके प्रमुख अंश।

 

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डिबेट को बढ़ावा देगी फिल्म : अक्षय
बॉलीवुड में यह पहली फिल्म है जो सहमति और इच्छा के बीच के अंतर के बारे में बात करती है। पहले जो भी फिल्में आई, उनमें इतनी गहराई से कभी बात नहीं की गई। इस फिल्म की एक और खास बात है इसका कानून और न्याय का विषय। यह फिल्म इस पर भी प्रकाश डालती है कि किसी भी केस में कानून का पालन करने और न्याय मिलने में फर्क होता है। शिक्षा देने से ज्यादा यह फिल्म डिबेट को बढ़ावा देगी। इसको देखने के बाद लोगों को गर्व होगा कि यह हमारे देश में बनी है।

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लोगों की नफरत मेरी सफलता : राहुल
मेरे लिए यह बहुत ही मुश्किल किरदार था। मुझे पहले नहीं पता था कि किस तरह से इस किरदार को करूं लेकिन मेरी और अजय की बॉन्डिंग ने इस किरदार को मेरे लिए संभव बनाया। इस किरदार को प्ले करने में मैं कितना सफल रहा यह तो निर्भर करता है पब्लिक रिएक्शन पर, जितना ज्यादा लोग मुझसे नफरत करेंगे इस किरदार के लिए उतना ही मैं खुद को सफल मानूंगा।

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दर्शकों की समझ पर छोड़ा फैसला : ऋचा
इस फिल्म को पूरी तरह से बैलेंस करके और हर किसी के साइड को पूरी सच्चाई के साथ रिप्रेजेंट किया गया है। इसकी स्क्रिप्ट बहुत ही अच्छी रिसर्च के बाद लिखी गई जिससे हम एक्टर्स का काम बहुत आसान हो गया। इस फिल्म में हमने किसी भी तरह का कोई संदेश नहीं दिया है बल्कि दर्शकों की समझ पर छोड़ दिया है। अब यह उन्हें तय करना है कि कौन सही है और कौन गलत।

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असल में जिया रेप पीड़िता का किरदार : मीरा
इस रोल को प्ले करने से पहले मुझे रेप पीड़िताओं से मिलवाया गया जिससे मुझे पता चला कि वो किस संघर्ष से गुजरती हैं, ऐसी घटनाओं के बाद उनका स्वभाव कैसा हो जाता है, कैसे न्याय के लिए लड़ती हैं और कैसे मजबूती से खड़ी रहती हैं। जब आप किसी किरदार में ज्यादा दिनों तक जीते हैं तो खुद वैसे बन जाते हैं। इसलिए मैं कह सकती हूं कि रेप सर्वाइवर के रोल को मैंने असल में जिया है, मुझे लगने लगा था जैसे यह सच में मेरे साथ हुआ है जिससे निकलने में मुझे वक्त लगा।

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काफी चैलेंजिंग थी फिल्म : अजय बहल
बतौर डायरेक्टर इस विषय को फिल्म में बैलेंस तरीके से पेश करना बहुत ही चैलेंजिंग काम था जिस कारण मैं इससे जुड़ा। अगर आप दर्शकों को एंटरटेन करने के साथ-साथ शिक्षित भी करते हैं तो उसमें कोई बुराई नहीं है।


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Chandan

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