Exclusive Interview : पूरे हिंदुस्तान को जोड़ती है ''सैटेलाइट शंकर''
punjabkesari.in Thursday, Nov 07, 2019 - 01:14 PM (IST)

नई दिल्ली। बॉर्डर (Border) पर होने वाली जंग पर तो कई फिल्में बॉलीवुड (Bollywood) में देखने को मिल चुकी हैं लेकिन इस शुक्रवार एक ऐसी फिल्म रिलीज होने वाली है जिसमें जंग नहीं बल्कि एक सैनिक की जिंदगी को पर्दे पर उतारा गया है। फिल्म का नाम है 'सैटेलाइट शंकर' (Satellite Shankar)। इस फिल्म में सूरज पंचोली (Sooraj Pancholi) मुख्य भूमिका में नजर आएंगे। इस फिल्म को डायरेक्ट किया है इरफान कमाल (Irfan Kamal) ने। फिल्म का प्रमोशन करने दिल्ली पहुंचे सूरज और इरफान ने पंजाब केसरी (Punjab Kesari)/ नवोदय टाइम्स (Navodaya Times)/ जगबाणी (Jagbani)/ हिंद समाचार (Hind Samachar) से खास बातचीत की। पेश हैं इसके प्रमुख अंश।
सही समय पर मिला सैनिक का किरदार : सूरज पंचोली
एक सैनिक के किरदार को जीना मेरे लिए बहुत ही अलग अनुभव रहा। मुझे हमेशा से है आर्मी पर फिल्म करनी थी, जब इस फिल्म की स्क्रिप्ट मेरे पास आई तब मुझे लगा कि ये सही समय है इस तरह की फिल्म करने का क्योंकि एक उम्र के बाद मैं एक सैनिक का किरदार नहीं निभा पाऊंगा। इसलिए मैं खुद को खुशकिस्मत मानता हूं कि सही समय पर मुझे ये फिल्म मिली।
फिल्म में अपनाए अपनी रियल लाइफ एक्सपीरियंस
बाकी देशभक्ति फिल्मों से ये बिल्कुल अलग है। आज तक जितनी भी फिल्में बनी हैं वो जंग या फिर एक्शन पर बनी है, जबकि ये एक सैनिक की जर्नी है उसकी मां से मिलने की। मेरा अपनी मां के साथ बॉन्ड बहुत ही मजबूत है, इसलिए अपने पर्सनल एक्सपीरियंस मैंने इस फिल्म में अपनाए।
बचपन से था वर्दी पहनने का शौक
मुझे बचपन से ही वर्दी पहनने का बहुत शौक था। अपने स्कूल के एनुअल डे पर प्ले करने के लिए भी एक सैनिक बनकर ही जाता था। ये कह सकता हूं कि मैंने अपने बचपन का सपना इस फिल्म के जरिए जी लिया है।
जिंदगी में आए कई उतार-चढ़ाव
हर किसी की जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते हैं, मेरी भी जिंदगी में एक मुश्किल दौर आया। उस दौरान मेरी मां और मेरी बहन थी मेरे साथ। बस अब यही कह सकता हूं कि बुरा दौर बीत चुका है और अब मैं अपने भविष्य की ओर देख रहा हूं, उस पर फोकस कर रहा हूं। देखता हूं क्या फ्यूचर में क्या है मेरे लिए।
मेरे बॉस हैं सलमान
सलमान खान (Salman Khan) को मैं अपना बॉस मानता हूं। हम दोनों के बीच बहुत ही अच्छी बॉन्डिंग है। वो मेरे लिए हमेशा रहे हैं अनकंडिशनली, वजह नहीं पता ऐसा क्यों है, लेकिन उन्होंने मेरा हमेशा साथ दिया है।
सूरज को चुनने की थी खास वजह : इरफान कमाल
जब मैं सैटेलाइट शंकर की स्क्रिप्ट लिख रहा था, उस वक्त बस एक ही बात मेरे ध्यान में थी कि इस फिल्म के लिए मुझे वो एक्टर चाहिए जिसकी कोई इमेज बंधी ना हो। सूरज के साथ ये अच्छी बात थी कि इन्हें एक्शन, डांस या फिर रोमांटिक हीरो, किसी भी तरह की इमेज के बांधा नहीं गया है। सैनिक के किरदार के लिए मुझे ऐसा ही एक्टर चाहिए था और यही वजह है कि सूरज को इस किरदार में ढालना मेरे लिए आसान हो गया।
लोगों को है मुंह फेरने की आदत
जितना हमारे देश के सैनिक हमारे लिए करते हैं, उतना हमारा देश उनके लिए नहीं कर पाता। इसका सबसे बड़ा कारण है मुंह फेरने की आदत। हमारे यहां लोगों को आदत है दूसरों की समस्या से मुंह फेरने की जबकि सैनिकों की ये खास बात होती है कि वो हर परिस्थिति में लोगों की मदद करने की जो कि हम सभी को उनसे सीखनी चाहिए।