महिलाओं को सेना की इंजीनियरिंग और शिक्षा कोर से बाहर रखने के खिलाफ याचिकाएं दायर

punjabkesari.in Saturday, Apr 22, 2017 - 09:46 AM (IST)

नई दिल्ली : भारतीय सेना की इंजीनियरिंग और शिक्षा कोर से महिलाओं को बाहर रखने की भर्ती संबंधी नीति को आज 2 जनहित याचिकाओं के जरिए दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई। अदालत ने मामले में बल का जवाब मांगा। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा ने रक्षा मंत्रालय और सेना के भर्ती महानिदेशालय को नोटिस जारी किया और याचिकाओं पर उनसे 9 अक्तूबर को सुनवाई की अगली तारीख से पहले जवाब मांगा। ये याचिकाएं एक वकील ने दायर की हैं। याचिकाकर्ता ने सेना पर महिलाओं से संस्थाबद्ध भेदभाव करने का आरोप लगाया है क्योंकि सेना स्थायी कमीशन देकर इन 2 कोर में महिलाओं की भर्ती नहीं करती है। कुश कालरा द्वारा दायर याचिकाओं में कहा गया, ‘‘लिंक के आधार पर भेदभाव विधि के समक्ष समानता,  लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किए जाने के अधिकार, सरकारी नौकरी के मामलों में अवसर की समानता के अधिकार, किसी भी पेशे को अपनाने के मौलिक अधिकार और महिलाओं के मानवाधिकारों का उल्लंघन है।’’


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