Vegetable Price Hike : सब्जियों की कीमतों ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, टमाटर-मिर्च ने उड़ाए उपभोक्ताओं के होश

punjabkesari.in Tuesday, Aug 19, 2025 - 09:35 AM (IST)

नेशनल डेस्क: त्योहारी मौसम में जब रसोई में पकवानों की खुशबू बिखरनी चाहिए, तब महंगाई की तेज मिर्ची ने जायका बिगाड़ दिया है। जयपुर की मंडियों से लेकर गली-गली के ठेलों तक, सब्जियों के भाव आसमान पर पहुंच गए हैं। आलम यह है कि टमाटर अब लाल रंग से नहीं, अपनी कीमत से जल रहा है, और हरी मिर्च का तीखापन अब केवल स्वाद में नहीं, जेब पर भी भारी पड़ रहा है।

बारिश ने बिगाड़ा खेल
हाल की बारिशों ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है, जिससे उत्पादन घट गया है। वहीं, दूसरे राज्यों से आने वाली आवक भी सीमित हो गई है। इन दोनों कारणों से आपूर्ति पर भारी असर पड़ा है, और कीमतें लगातार चढ़ रही हैं।

 मंडियों में कम हुई आवक
जयपुर की सबसे बड़ी थोक मंडी — मुहाना मंडी — में अब पहले की तुलना में आधे ट्रक सब्जियां ही पहुंच रही हैं। पहले जहां रोजाना 40-45 ट्रक टमाटर आते थे, अब यह संख्या घटकर 20 तक पहुंच गई है। यही वजह है कि टमाटर की थोक कीमत 50–55 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। हरी मिर्च की थोक दर भी 40 रुपये के पार चल रही है।

खुदरा बाजार में आसमान छूते रेट
जयपुर के प्रमुख बाजार क्षेत्रों — मालवीय नगर, राजापार्क, सी-स्कीम, सोडाला और वैशालीनगर — में खुदरा दुकानदारों द्वारा भारी मुनाफाखोरी की जा रही है।

इन इलाकों में सब्जियों के मौजूदा दाम कुछ यूं हैं:
हाइब्रिड टमाटर: ₹100 – ₹120 प्रति किलो
हरी मिर्च: ₹130 प्रति किलो
अदरक: ₹120 प्रति किलो

 ग्राहक परेशान, खरीद घटाई
खरीदारी करने पहुंचे उपभोक्ता अब पहले जैसी मात्रा में सब्जियां नहीं ले रहे। जहां पहले एक परिवार ₹300–₹400 में हफ्तेभर की सब्जी खरीद लेता था, अब वही खर्च ₹700 तक पहुंच गया है। सब्जी विक्रेताओं के अनुसार, लोग अब किलो की जगह आधा किलो या पाव सब्जी ही खरीद रहे हैं।

 कब मिलेगी राहत?
विशेषज्ञों का कहना है कि राहत की उम्मीद सितंबर के दूसरे सप्ताह के बाद ही बन सकती है, जब नए राज्यों से आवक बढ़ेगी। फिलहाल, उपभोक्ताओं को इसी तीखे स्वाद और जेब पर भारी महंगाई के साथ समझौता करना होगा।


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Content Writer

Anu Malhotra

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