Gold Price को लेकर Goldman Sachs की नई रिपोर्ट, 2026 में ये होगा 10g सोने का भाव

punjabkesari.in Saturday, Dec 20, 2025 - 04:10 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः इस साल गोल्ड निवेशकों के लिए जबरदस्त रिटर्न लेकर आया है। अब तक सोना करीब 73 फीसदी का रिटर्न दे चुका है। इसी तेजी को देखते हुए गोल्डमैन सैक्स ने बड़ा अनुमान जताया है। ब्रोकरेज के मुताबिक, दिसंबर 2026 तक गोल्ड 4,900 डॉलर प्रति औंस यानि 1,55,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के करीब के स्तर तक पहुंच सकता है। इसका साफ संकेत है कि आने वाले साल में भी सोने में तेजी का ट्रेंड बना रह सकता है।

गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि दुनिया के कई केंद्रीय बैंक अगले साल भी सोने की खरीद जारी रखेंगे, जिससे कीमतों को सपोर्ट मिलेगा। इसके अलावा अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं भी गोल्ड के लिए सकारात्मक मानी जा रही हैं।

इस हफ्ते गोल्ड में मजबूती

अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस हफ्ते स्पॉट गोल्ड 1.1 फीसदी चढ़ा। 19 दिसंबर को स्पॉट गोल्ड 0.4 फीसदी बढ़कर 4,347.07 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। वहीं भारत में MCX पर गोल्ड फ्यूचर्स 1,35,590 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। अक्टूबर 2023 से अब तक सोने की कीमतें दो गुने से भी ज्यादा हो चुकी हैं। इस अवधि में गोल्ड करीब 139 फीसदी की तेजी दिखा चुका है, जो कई दशकों में देखने को मिली सबसे तेज रैलियों में से एक है।

फेड की दर कटौती से बढ़ी चमक

नवंबर के अंत में सोने में थोड़ी सुस्ती देखने को मिली थी, लेकिन 10 दिसंबर को फेड द्वारा 0.25 फीसदी ब्याज दर घटाने के बाद गोल्ड की कीमतों में फिर तेजी आ गई। जानकारों के मुताबिक, कम ब्याज दरों का माहौल सोने के लिए अनुकूल रहता है। उम्मीद है कि फेड अगले साल भी दरों में कटौती कर सकता है, जिसका असर गोल्ड पर पड़ेगा। हालांकि, शॉर्ट टर्म में मुनाफावसूली के चलते बीच-बीच में हल्की गिरावट संभव है, लेकिन कुल मिलाकर आउटलुक मजबूत बना हुआ है।

निवेशकों को क्या करना चाहिए?

एक्सपर्ट्स की सलाह है कि लॉन्ग टर्म निवेश के लिए पोर्टफोलियो में गोल्ड जरूर शामिल होना चाहिए। कुल निवेश का करीब 10 फीसदी हिस्सा गोल्ड में रखा जा सकता है। अगर आपके पोर्टफोलियो में सोने की हिस्सेदारी इससे कम है, तो निवेश बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। गोल्ड में निवेश के लिए गोल्ड ETF एक बेहतर विकल्प माना जाता है। इससे न सिर्फ पोर्टफोलियो का डायवर्सिफिकेशन होता है, बल्कि फिजिकल गोल्ड की सेफ्टी की चिंता भी नहीं रहती।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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