जम्मू-कश्मीर: विवादों से फारूक अब्दुल्ला का पुराना नाता, लंबी है भारत विरोधी बयानों की लिस्ट

punjabkesari.in Tuesday, Nov 24, 2020 - 05:13 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला एक बार फिर सुर्खियां बटोरने में जुट गए हैं। नजरबंदी से आजाद होने के बाद से ही अनुच्छेद-370 का राग अलापने वाले फारूक अब्दुल्ला देशभक्ति तो जैसे भूल ही गए हैं। अपने विवादित बयानों के साथ साथ अब तो वह घोटालोें में भी अपना खूब नाम रोशन कर रहे हैं। देखिए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री के विवादित बयानों और अपराधिक मामलों की लिस्ट:-

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रोशनी घोटाले में फारूक अब्दुल्ला की अहम भूमिका 
जम्मू कश्मीर के 25 हजार करोड़ के जमीन घोटाले में फारूक अब्दुल्ला का नाम सामने आया है। उन पर आरोप है कि जम्मू के सजवान में उनका जो घर है वो जंगल की जमीन पर है। फारूक अब्दुल्ला का ये घर 10 कनाल जमीन में बना है, इसमें से 7 कनाल जंगल की जमीन है जबकि 3 कनाल जमीन उनकी अपनी है। आरोप ये है कि जमीन रोशनी एक्ट के तहत गलत तरीके से ली गई। हालांकि अब्दुल्ला ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है।

 

JKCA मामले में भी फारूक पर लटकी है तलवार 
जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में कथित करोड़ों रुपयों के हुए घोटाले को लेकर भी फारूक अब्दुल्ला पर तलवार लटकी हुई है। 43.69 करोड़ रुपए के गबन से जुड़े मामले में पूर्व मुख्यमंत्री से कई बार पूछताछ भी की जा चुकी है। दरअसल बीसीसीआइ ने 2002 से 2011 के बीच राज्य में क्रिकेट सुविधाओं के विकास के लिए 112 करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन इस राशि में से 43.69 करोड़ रुपये का गबन कर लिया गया। सीबीआइ ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ (JKCA) के कोष में कथित अनियमितताओं और गबन के मामले में फारूक अब्दुल्ला समेत तत्कालीन महासचिव मोहम्मद सलीम खान, तत्कालीन कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा और जेएंडके बैंक के एक कर्मचारी बशीर अहमद मिसगर पर आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए श्रीनगर की एक अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था।

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चीन वाले बयान पर फारूक के जले थे पुतले 
चीन के साथ प्यार दिखाना भी फारूक अब्दुल्ला का काफी भारी पड़ा था, इसका नतीजा यह हुआ कि जगह जगह उनके पुतले जलाए गए। दरअसल अब्दुल्ला नेे कुछ दिनों पहले विवादित बयान देते हुए कहा था कि एलएसी पर जो भी तनाव के हालात बने हैं, उसका जिम्मेदार केंद्र का वो फैसला है जिसमें जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म किया गया था। उन्होंने कहा था कि चीन ने कभी भी अनुच्छेद 370 खत्म करने के फैसले का समर्थन नहीं किया है और हमें उम्मीद है कि इसे (आर्टिकल 370) को फिर से चीन की ही मदद से बहाल कराया जा सकेगा। उनके इस बयान ने भूचाल मचा दिया था।

 

लोकसभा में भी फारूक ने अलापा था अनुच्छेद 370 का अलाप
फारूक अब्दुल्ला कश्मीर में ही नहीं बल्कि लोकसभा में भी जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की आवाज उठा चुके हैं। उन्होंने कहा था कि सरकार को अनुच्छेद 370, 35-ए को लेकर उठाए गए कदमों के बारे में सोचने की जरूरत है। आज भी कश्मीर में एनकाउंटर चल रहा है। कोई शांति नहीं है। शांति तभी आएगी जब उन कदमों को वापस ले लिया जाएगा, इसके बिना कोई शांति नहीं हो सकती।

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सरकार को दी थी चुनौती 
जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाने से पहले अब्दुल्ला ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि धारा 370 और अनुच्छेद 35 ए को रद्द करने पर राज्य और भारत के बीच संबंध खत्म हो जाएंगे।इतना ही नहीं उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार धारा 370 और 35 ए को छूने की हिम्मत तो करे। उन्होंने कहा था कि अमित शाह और अरुण जेटली ने कहा कि वे अनुच्छेद 35-ए और अनुच्छेद 370 को समाप्त कर देंगे. करें, हम यह भी देखेंगे कि वे यह कैसे कर सकते हैं। 


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vasudha

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