कश्मीर में डर का माहौल काफी हद तक हुआ खत्म, पर्यटक फिर से आएं - फारूक अब्दुल्ला

punjabkesari.in Tuesday, May 27, 2025 - 02:45 PM (IST)

नेशनल डेस्क. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि अब कश्मीर में डर का माहौल काफी हद तक खत्म हो गया है। उन्होंने पर्यटकों से अपील की है कि वे कश्मीर की खूबसूरती का लुत्फ उठाने के लिए फिर से यहां आएं। अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार के विदेश मंत्रालय से भी गुजारिश की है कि वे उन देशों से बात करें जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के खिलाफ "नकारात्मक यात्रा परामर्श" (travel advisories) जारी किए हुए हैं, ताकि उन्हें रद्द कराया जा सके। आपको बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद कश्मीर में पर्यटन पर असर पड़ा है, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी।

"जो हुआ, वह दुखद था"

फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "पहलगाम में जो हुआ वह बहुत दुखद था, ऐसा नहीं होना चाहिए था। लोग यहां खुशी-खुशी आ रहे थे। लोग अपने काम में व्यस्त थे, वे सरकारी नौकरी भी नहीं मांग रहे थे। पहलगाम में स्थिति ऐसी थी कि यहां कमरे भी नहीं मिल रहे थे।"

डर का माहौल कम हुआ

उन्होंने माना कि हमले से डर का माहौल पैदा हुआ था, लेकिन सरकार ने घाटी में सुरक्षा सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, "यहां डर का माहौल था, लेकिन मुझे लगता है कि अब डर का माहौल काफी हद तक कम हो गया है। आप देख सकते हैं कि कितने लोग पहलगाम आ रहे हैं। मैं गुलमर्ग में था, वहां 400-500 पर्यटक थे। अल्लाह का शुक्र है कि अब डर खत्म हो रहा है। सरकार ने भी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। मुझे लगता है कि लोगों को आगे आना चाहिए।"

विदेशों से यात्रा प्रतिबंध हटाने की अपील

पूर्व केंद्रीय मंत्री अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से अपील की कि वे उन देशों से बातचीत करें जिन्होंने अपने नागरिकों को जम्मू-कश्मीर न जाने की सलाह दी है, ताकि ये पाबंदियां हटाई जा सकें। उन्होंने इशारों-इशारों में पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा, "मैं केंद्र सरकार और विदेश मंत्री से भी अनुरोध करता हूं कि अब समय आ गया है कि विदेशों द्वारा भारत आने पर लगाए गए प्रतिबंध हटा दिए जाएं। दोनों देशों में शांति आ गई है और हम उम्मीद करते हैं कि शांति बनी रहेगी। उन्हें भी यहां आने की अनुमति मिलनी चाहिए क्योंकि वे भी इस जगह को देखना चाहते हैं। इनमें से कई गोल्फ खिलाड़ी हैं, मैं आशा करता हूं कि वे आएंगे।"

गोल्फ और खेलो इंडिया

अब्दुल्ला ने कहा कि बहुत से लोग गोल्फ खेलते हैं और इस खेल को अब खेलो इंडिया गेम्स में भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा, "यह खेल ओलंपिक राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में खेला जाता है। इसलिए अब इसे हर जगह खेले जाने की जरूरत है। मेरा मानना ​​है कि हमारे लोगों को बड़ी संख्या में यहां आना चाहिए और इस खेल को खेलना चाहिए ताकि भारत को इन खेलों में पदक मिल सके।"

कश्मीर की सुंदरता की प्रशंसा

कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, "इस मौसम और सुंदरता को देखिए, मैंने दुनिया भर में विभिन्न स्थानों की यात्रा की है, लेकिन मैंने कहीं भी ऐसी सुंदरता नहीं देखी है। मुझे उम्मीद है कि आपके चैनल को देखने वाले लोग बड़ी संख्या में यहां आएंगे, इस सुंदरता को देखेंगे और देश को मजबूत बनाएंगे। हमें डरना नहीं चाहिए, अगर हम डर गए, तो हम मर चुके हैं।"

अमरनाथ यात्रा: शांति और एकता का संदेश

अब्दुल्ला ने 3 जुलाई से शुरू होने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा के बारे में कहा कि यह तीर्थयात्रा उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, "यह कई सालों से चली आ रही है। मुझे उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा तीर्थयात्री यहां आएंगे और शंकर भगवान, भोले नाथ के दर्शन करेंगे और अपने घर जाकर लोगों को बताएंगे कि यह स्थान कितना सुंदर है।"

मंत्रिपरिषद की बैठक और पर्यटन हितधारकों से मुलाकात

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा अपने मंत्रिपरिषद की बैठक और बाद में पहलगाम में पर्यटन हितधारकों के साथ बैठक के बारे में पूछे जाने पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है और इससे शांति का संदेश जाएगा।

उन्होंने कहा, "एक बार लोगों को पता चलेगा कि पूरा मंत्रिमंडल यहां है और यहां शांति है। वे हितधारकों से भी मिलेंगे। इसका भी असर होगा क्योंकि यहां के लोग सबसे ज्यादा परेशानी का सामना कर रहे हैं। इन लोगों ने कर्ज लिए हैं, कुछ ने घर और होटल की मरम्मत के लिए, कुछ ने टैक्सी और घोड़ों के लिए। मुझे उम्मीद है कि हमारे देश से और ज्यादा लोग यहां आएंगे और हम उन्हें दिखाएंगे कि हमने पहले भी मेहमाननवाजी की है और आगे भी करेंगे।"

पार्टी में मतभेद: कोई चिंता नहीं

पार्टी में खासकर श्रीनगर लोकसभा सांसद आगा सैयद रुहुल्ला मेहदी के साथ मतभेदों की खबरों पर उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी को तोड़ने की कोशिशें हमेशा होती रही हैं, लेकिन नेतृत्व परेशान नहीं है। यह हमारे लिए नई बात नहीं है, यह मेरे और मेरे पिता के समय भी होता रहा है। हमें क्यों चिंता करनी चाहिए? हम यहां लोगों की समस्याएं हल करने के लिए हैं और हम ऐसा करेंगे, इंशा अल्लाह। आप देखिए कि अगले पांच सालों में इस राज्य में कितना बदलाव आएगा।"


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Content Editor

Parminder Kaur

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