किसानों को DAP खाद के लिए नहीं चुकानी होगी ज्यादा कीमत, सरकार ने सब्सिडी 140 फीसदी बढ़ाई

punjabkesari.in Wednesday, May 19, 2021 - 10:00 PM (IST)

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने बुधवार को डाई अमोनिया फास्फेट (डीएपी) खाद के लिए सब्सिडी 500 रुपये से बढ़ाकर 1200 प्रति बैग (कट्टा) करने का फैसला किया। इस फैसले के बाद डीएपी की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि के बावजूद किसानों को 1200 रुपए ही खाद के प्रति बैग के लिए चुकाने होंगे। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया। इस बैठक में उन्हें खाद कीमतों के विषय पर विस्तृत जानकारी एक प्रस्तुति के माध्यम से दी गई। 

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘डीएपी खाद के लिए सब्सिडी 500 रुपए प्रति बैग से 140 प्रतिशत बढ़ाकर 1200 रुपए प्रति बैग करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया।'' बयान में कहा गया कि इस प्रकार डीएपी की अंतरराष्ट्रीय बाजार कीमतों में वृद्धि के बावजूद, इसे 1200 रुपए के पुराने मूल्य पर ही बेचे जाने का निर्णय लिया गया है। पीएमओ ने कहा, ‘‘मूल्य वृद्धि का सारा अतिभार केंद्र सरकार ने उठाने का फैसला किया है। प्रति बोरी सब्सिडी की राशि कभी भी एक बार में इतनी नहीं बढ़ाई गई है।'' 
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पिछले साल डीएपी की वास्तविक कीमत 1,700 रुपए प्रति बोरी थी, जिसमें केंद्र सरकार 500 रुपए प्रति बैग की सब्सिडी दे रही थी। इसलिए कंपनियां किसानों को 1200 रुपए प्रति बोरी के हिसाब से खाद बेच रही थीं। पीएमओ ने अपने बयान में कहा, ‘‘हाल ही में डीएपी में इस्तेमाल होने वाले फॉस्फोरिक एसिड, अमोनिया आदि की अंतरराष्ट्रीय कीमतें 60 प्रतिशत से 70 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं। इसी कारण एक डीएपी बैग की वास्तविक कीमत अब 2400 रुपए है, जिसे खाद कंपनियों द्वारा 500 रुपए की सब्सिडी घटा कर 1900 रुपए में बेचा जाता है। आज के फैसले से किसानों को 1200 रुपए में ही डीएपी का बैग मिलता रहेगा।'' 

सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध-पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करेगी कि किसानों को मूल्य वृद्धि का दुष्प्रभाव न भुगतना पड़े। बयान के मुताबिक केंद्र सरकार हर साल रासायनिक खादों पर सब्सिडी पर करीब 80,000 करोड़ रुपए खर्च करती है। पीएमओ ने कहा, ‘‘डीएपी में सब्सिडी बढ़ाने के साथ ही खरीफ सीजन में भारत सरकार 14,775 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करेगी।'' उसने इस फैसले को ऐतिहासिक और किसान हितैषी करार दिया। 

 

 


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Content Writer

Pardeep

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