दिल्ली पुलिस की इन 10 शर्तों को मानने के बाद किसानों को मिली प्रदर्शन की परमिशन
punjabkesari.in Thursday, Jul 22, 2021 - 12:48 PM (IST)
नेशनल डेस्क: केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान आज से जंतर-मंतर पर भारी सुरक्षा के बीच एक आंदोलन कर रहे हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने नौ अगस्त तक अधिकतम 200 किसानों को प्रदर्शन की विशेष अनुमति दे दी है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि 200 किसानों का एक समूह पुलिस की सुरक्षा के साथ बसों में सिंघू सीमा से जंतर-मंतर आएगा और वहां सुबह11 बजे से शाम 5 बजे तक विरोध प्रदर्शन करेगा। दिल्ली पुलिस के साथ लंबी बातचीत और शर्तें मानने के बाद किसानों को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की परमिशन दी गई है।
- किसान जंतर-मंतर पर कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे और कोई भी प्रदर्शनकारी संसद भवन नहीं जाएगा।
- किसान सिंघु बॉर्डर पर इकट्ठे होंगे, 5 बसों में भरकर जंतर मंतर की तरफ 10 बजे रवाना होंगे
- हर दिन 200 किसानों का एक समूह पुलिस की सुरक्षा के साथ बसों में सिंघू सीमा से जंतर-मंतर आएगा।
- किसान प्रदर्शन सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक ही होगा। पुलिस की निगरानी में होगी शाम को वापसी
- कोरोना प्रोटोकॉल को मानना होगा- मास्क पहनना,सोशल डिस्टेसिंग, नियमित रूप से हाथ धोना और सैनिटाइटर आदि नियमों का पालन करना होगा)
- प्रदर्शनकारियों के पास पहचान का बैज होगा, ताकि कोई गड़बड़ न हो।
- सिंघु बॉर्डर के अलावा किसी भी अन्य बॉर्डर से किसानों का कोई भी मोर्चा जंतर-मंतर की ओर नहीं जाएगा।
- लगभग 40 संगठनों के 5-5 किसान संसद में हर रोज शामिल होंगे और उन्हीं 5 किसानों में से एक को मॉनिटर बनाया जाएगा और कोई गड़बड़ी होने पर जिम्मेदारी उसी की होगी।
- जंतर-मंतर पर सुरक्षा के सभी इंतजाम किए जाएंगे और CCTV से सब पर नजर रखेगी जाएगी।
- किसान संसद में मंच संचालित होगा और ये संचालन प्रदर्शन में शामिल किसान ही करेंगे।
बता दें कि तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसान संगठनों की मांगों को लेकर 26 जनवरी को आयोजित ट्रैक्टर परेड राजधानी की सड़कों पर अराजक हो गई थी, क्योंकि हजारों प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिए थे, पुलिस से भिड़ गए थे और लाल किले की प्राचीर पर एक धार्मिक ध्वज फहरा दिया था। देशभर के हजारों किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं। किसान यूनियनों की सरकार के साथ 10 दौर से अधिक की बातचीत हो चुकी है लेकिन यह दोनों पक्षों के बीच गतिरोध को तोड़ने में विफल रही है।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
मैड़ी मेले में आए अमृतसर के श्रद्धालु की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, पुलिस जांच में जुटी
पेट की जिद्दी चर्बी हो जाएगी गायब, रोज पिएं ये 5 Drinks
Jatoli Shiv Temple in Solan, Himachal Pradesh: एशिया के सबसे ऊंचे जटोली शिव मंदिर में है स्फटिक मणि शिवलिंग
शिकारी माता मंदिर जा रहे 6 लोग के साथ हादसा, मंडी-जंजैहली सड़क मार्ग पर खाई में गिरी कार