किसानों ने नहीं मानी PM मोदी की अपील,18 फरवरी को ‘रेल रोको' अभियान..14 को कैंडल मार्च

punjabkesari.in Thursday, Feb 11, 2021 - 10:19 AM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों में नए कृषि कानून को लेकर किसानों को आश्वस्त किया कि इससे उनको ही लाभ होगा। साथ ही पीएम मोदी ने किसानों को अपील की कि किसान आंदोलन अब वापिस ले लिया जाए, सरकार उनके साथ संपर्क में रहेगी और कृषि कानून को लेकर जो भी आशंकाएं हैं उसे दूर किया जाएगा लेकिन किसान अपना हठ छोड़ने को तैयार नहीं हैं। अपने आंदोलन को तेज करते हुए प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों ने 18 फरवरी को चार घंटे के राष्ट्रव्यापी ‘रेल रोको' अभियान की घोषणा की। किसानों ने 2019 में पुलवामा आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों की याद में 14 फरवरी को एक मोमबत्ती मार्च निकालने का भी फैसला किया है। 

PunjabKesari

एक हफ्ते के लिए किसानों की प्लानिंग
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने एक बयान में यह भी घोषणा की कि अपनी एक हफ्ते की लंबी विरोध रणनीति के तहत राजस्थान में 12 फरवरी से टोल संग्रह नहीं करने दिया जाएगा। बयान में कहा गया कि ‘‘पूरे देश में 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक ‘रेल रोको' अभियान चलाया जाएगा।'' तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर इस महीने के शुरू में उन्होंने तीन घंटे के लिए सड़कों को अवरुद्ध किया था। एसकेएम के नेता दर्शन पाल ने कहा कि 14 फरवरी को शहीद जवानों की याद में पूरे देश में मोमबत्ती मार्च, ‘मशाल जुलूस' और अन्य कार्यक्रम आयोजित किये जायेगे। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को एक आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। उन्होंने कहा कि किसान सर छोटू राम की जयंती पर एकजुटता दिखाते हुए कार्यक्रम आयोजित करेंगे। 

PunjabKesari

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलनकारी किसान केंद्र में कोई सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि अपनी समस्याओं का समाधान चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसान नेता आंदोलन के प्रसार के लिए देश के विभिन्न हिस्सों का दौरा करेंगे। टिकैत ने सिंघू बॉर्डर पर किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि केंद्र कृषकों के मुद्दों का समाधान नहीं कर देता। उन्होंने कहा कि सत्ता परिवर्तन (केंद्र में) का हमारा कोई उद्देश्य नहीं है। सरकार को अपना काम करना चाहिए। हम कृषि कानूनों को निरस्त कराना और एमएसपी पर कानून चाहते हैं।'' टिकैत ने यह भी कहा कि संयुक्त किसान मोर्चे की एकता अक्षुण्ण है और सरकार को किसी भ्रम में नहीं रहना चाहिए। बता दें कि दिल्ली की सीमाओं पर किसान पिछले कई महीनों से अपनी मांगों को लेकर पिछले 78 दिनो से आंदोलन कर रहे हैं।

PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Seema Sharma

Recommended News

Related News