मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल और अंडमान की वोटर लिस्ट में बड़ा बदलाव, 93 लाख से ज्यादा के हटे नाम
punjabkesari.in Tuesday, Dec 23, 2025 - 08:01 PM (IST)
नेशनल डेस्क : देश के तीन प्रमुख राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और केरल में निर्वाचन आयोग द्वारा चलाए गए विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान के बाद मतदाता सूची का ड्राफ्ट प्रकाशन कर दिया गया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध करना, फर्जीवाड़े को रोकना और मृत, स्थानांतरित (शिफ्टेड) या डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम सूची से हटाना था। इस व्यापक पुनरीक्षण प्रक्रिया के बाद तीनों राज्यों में लाखों मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से बाहर कर दिए गए हैं, जिससे कुल मतदाता संख्या में बड़ा बदलाव देखने को मिला है।
मध्य प्रदेश: 42.74 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम हटे
मध्य प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत कुल 42,74,160 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। इस प्रक्रिया के बाद राज्य की मतदाता सूची में व्यापक बदलाव सामने आए हैं। राजधानी भोपाल में सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है, जहां पुनरीक्षण के बाद 4.38 लाख मतदाताओं के नाम काटे गए हैं। भोपाल की गोविंदपुरा और नरेला विधानसभा सीटों में सबसे ज्यादा नाम हटाए गए हैं।
आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश में 31.51 लाख मतदाता ऐसे पाए गए जो अपने पते से शिफ्ट हो चुके थे या लंबे समय से अनुपस्थित थे, जो कुल मतदाताओं का 5.49 प्रतिशत है। वहीं, 2.77 लाख मतदाता ऐसे थे जिनके नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज पाए गए, जो 0.48 प्रतिशत के बराबर है। निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि राज्य में दावे और आपत्तियां दर्ज कराने की प्रक्रिया 22 जनवरी 2026 तक चलेगी। इसके बाद सभी सुधारों और स्क्रूटनी के बाद 21 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।
छत्तीसगढ़: 2003 के बाद सबसे बड़ा पुनरीक्षण अभियान
छत्तीसगढ़ में यह 2003 के बाद का सबसे बड़ा विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान माना जा रहा है। इस प्रक्रिया में अब तक कुल 27,34,817 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं। इनमें से 19 लाख से अधिक मतदाता ऐसे पाए गए जो अपने पुराने पते से स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके थे।
वहीं, 6.42 लाख मतदाताओं की मृत्यु की पुष्टि होने के बाद उनके नाम हटाए गए। इसके अलावा, 1.79 लाख नाम दोहरी प्रविष्टि (डुप्लीकेट एंट्री) के कारण सूची से बाहर किए गए हैं। निर्वाचन आयोग के अनुसार, छत्तीसगढ़ में SIR के पहले चरण में मतदाताओं और प्रशासन की व्यापक भागीदारी देखने को मिली, जिससे सूची को अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाने में मदद मिली है।
केरल: 24 लाख से अधिक मतदाता सूची से बाहर
केरल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रतन यू. केलकर ने जानकारी दी कि राज्य में ड्राफ्ट मतदाता सूची से 24 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। पुनरीक्षण के दौरान बड़ी संख्या में ऐसे मतदाता पाए गए जो अब संबंधित बूथ क्षेत्र में निवास नहीं करते थे या जिनके नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज थे। निर्वाचन आयोग ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य मतदाता सूची को पूरी तरह अद्यतन और त्रुटिरहित बनाना है।
दावे और आपत्तियों के लिए अंतिम तिथि तय
निर्वाचन आयोग ने तीनों राज्यों के मतदाताओं को राहत देते हुए कहा है कि यदि किसी मतदाता का नाम गलती से सूची से कट गया है, तो वह दावा या आपत्ति दर्ज करा सकता है। इसके लिए 22 जनवरी 2026 तक का समय निर्धारित किया गया है। सभी दावों और आपत्तियों की जांच के बाद आवश्यक सुधार किए जाएंगे और इसके पश्चात 21 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची (Final Electoral Roll) का प्रकाशन किया जाएगा।
