देश-विदेश में रही ईद-उल-अजहा का पर्व की धूम, इंडोनेशिया में बिना कुर्बानी मनाया गया त्यौहार
punjabkesari.in Sunday, Jul 10, 2022 - 01:16 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः देश-विदेश में ईद-उल-अजहा (बकरीद) का पर्व उत्साह से मनाया गया। अफगानिस्तान, लीबिया, मिस्र, केन्या और यमन समेत दुनिया के कई देशों में शनिवार कोजबकि इंडोनेशिया, भारत और पाकिस्तान सहित एशिया के ज्यादातर देशों में रविवार को बकरीद मनाई गई । खुशी के इस त्योहार पर भोजन की विविधता एक मुख्य आकर्षण होता है, लेकिन यूक्रेन में रूस के हमले के कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में हुई वृद्धि का जश्न पर असर देखा जा रहा है।
उत्तरी अफगानिस्तान में मजार-ए-शरीफ के एक मवेशी बाजार के मोहम्मद नादिर ने कहा, ‘‘हर कोई अल्लाह के नाम पर एक जानवर की कुर्बानी देना चाहता है, लेकिन वे ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि वे गरीब हैं।'' यूक्रेन युद्ध के कारण गेहूं और मांस की कीमतें कई गुना बढ़ गई हैं। गाजा पट्टी में एक पशु बाजार में खरीदारों की संख्या कम थी। विक्रेताओं ने कहा कि हाल के हफ्तों में भेड़ के चारे की कीमत चार गुना बढ़ गई है। चार दिवसीय त्योहार पर बहुत से मुस्लिम पारंपरिक तौर पर पशुओं की कुर्बानी देने के बाद उसके मांस को परिवार, दोस्तों और गरीबों में वितरित करते हैं।
उधर, इंडोनेशिया में जानवरों के बीच फैले घातक संक्रमण ने ईद-उल-अजहा के दिन कुर्बानी देने की सदियों पुरानी परंपा में व्यवधान डाला है और रविवार को बड़ी संख्या में लोग कुर्बानी दिए बिना ही त्योहार मनाते नजर आए। दुनिया में मुसलमानों की सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश इंडोनेशिया में इस बार जानवरों के बीच फैले खुरपका (एफएमडी) नामक घातक संक्रमण के कारण अधिकतर लोग कुर्बानी की परंपरा का पालन नहीं कर पा रहे हैं। देश में बकरी, गाय और भेड़ों की बिक्री का कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। इस संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार की ओर से भी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।