भगवान जगन्नाथ के ‘महाप्रसाद’ को केमिकल-फ्री बनाने की शुरुआत, जानें कैसे बनेगा ‘अमृत अन्न’

punjabkesari.in Friday, Feb 21, 2025 - 10:28 PM (IST)

नेशनल डेस्कः श्री जगन्नाथ मंदिर ने भगवान के महाप्रसाद को स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक बनाने के लिए एक विशेष परियोजना, ‘अमृत अन्न' शुरू की है। मंदिर के मुख्य प्रशासक अरविंद पाधी ने कहा कि इस परियोजना के तहत ‘कोथा भोग' में देवताओं को चढ़ाने के लिए केवल जैविक रूप से उगाए गए चावल का उपयोग किया जाएगा। 
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जैविक खेती का मतलब है कि प्रसाद के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले धान की खेती में किसी भी रासायनिक खाद या कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। मुख्य प्रशासक ने कहा कि हाल ही में राज्य कृषि विभाग के साथ एक बैठक हुई थी। कोरापुट और राज्य के अन्य हिस्सों से गुरुवार को चावल की पांच किस्मों का परीक्षण किया गया। 
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इन चावल किस्मों का उपयोग करके अलग से महाप्रसाद तैयार किया गया और फिर कोथा भोग में देवताओं को चढ़ाया गया। कोथा भोग में प्रशासन द्वारा निर्धारित मात्रा में महाप्रसाद चढ़ाया जाता है, जबकि आनंद बाजार में बिकने वाला महाप्रसाद भक्तों की सेवा के लिए सुपाकारा द्वारा व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए तैयार किया जाता है। 
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मुख्य प्रशासक ने बताया कि अधिकारियों को कोठा भोग में इस्तेमाल के लिए इन दो चावल किस्मों का बड़े पैमाने पर उत्पादन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि अन्य चावल किस्मों का इस्तेमाल अभी भी वाणिज्यिक महाप्रसाद में किया जा सकता है। 

इससे पहले मंदिर प्रशासन ने देवताओं को चढ़ाए जाने वाले प्रसिद्ध खाजा और दीयों सहित कई वस्तुओं की तैयारी में नकली घी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था। अधिकारियों ने बताया कि राज्य की दूध कंपनी ओमफेड को मंदिर के इस्तेमाल के लिए घी और अन्य डेयरी उत्पादों के एकमात्र आपूर्तिकर्ता के रूप में अधिकृत किया गया था। 


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Content Writer

Pardeep

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