खूबसूरत ट्रांसजेंडर बनीं असिस्टेंट प्रोफेसर, जानें मंजिल पाने के पीछे का राज

punjabkesari.in Thursday, Feb 13, 2025 - 12:50 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल के कृष्णनगर की एक ट्रांसजेंडर महिला सुमना प्रमाणिक ने अपनी कड़ी मेहनत और अडिग इच्छा शक्ति से वो हासिल कर लिया, जिसका सपना उन्होंने हमेशा देखा था। अब वह राज्य सरकार द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा, State Eligibility Test (SET) पास करके असिस्टेंट प्रोफेसर बन चुकी हैं। यह उपलब्धि न केवल सुमना के लिए एक व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि यह समाज और ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए भी प्रेरणा बन गई है। सुमना की कहानी यह सिद्ध करती है कि कठिनाइयों के बावजूद यदि इंसान अपने सपने को सच्ची मेहनत और लगन से साकार करने की ठान ले, तो कुछ भी असंभव नहीं है।

पाँच साल का संघर्ष और कड़ी मेहनत

सुमना ने SET की परीक्षा में 2019 से हिस्सा लेना शुरू किया था, लेकिन सफलता 2024 में मिली। उनका मानना है कि यह सफलता केवल उनके लिए नहीं, बल्कि ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक मजबूत संदेश है। सुमना ने यह साबित कर दिया कि ट्रांसजेंडर लोग किसी भी पेशे में सफलता प्राप्त कर सकते हैं और उन्हें केवल समाज की पारंपरिक धारणाओं के आधार पर सीमित नहीं किया जा सकता।

जीवन के संघर्ष की शुरुआत

सुमना का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था। उनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था और बचपन से ही उन्हें समाज में भेदभाव का सामना करना पड़ा। जब वह केवल छह साल की थीं, तो उन्हें अनाथालय भेज दिया गया था। इसके बावजूद सुमना ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी पढ़ाई जगन्नाथ हाई स्कूल से शुरू की और फिर कबी विजयलाल हाई स्कूल तथा श्री कृष्ण कॉलेज, बागुला में अपनी शिक्षा जारी रखी। इसके बाद, उन्होंने कल्याणी विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन और बर्धमान यूनियन क्रिश्चियन कॉलेज से बी.एड. किया।

सपने को पूरा करने के लिए फ्री ट्यूशन

सुमना के पास अपनी पढ़ाई के लिए सीमित संसाधन थे, लेकिन उनकी जिद और मेहनत ने उन्हें कभी हार मानने नहीं दिया। वह एक ट्यूटर से मुफ्त में पढ़ाई करती थीं, और यही ट्यूटर ही था जिसने उन्हें उनकी ट्रांसजेंडर पहचान को लेकर समझाया। ट्यूटर ने सुमना को बताया कि उसे अपनी महिला पहचान को छोड़ने की जरूरत नहीं है और समाज की आलोचनाओं से ऊपर उठकर अपनी क्षमता पर विश्वास करना चाहिए।

काउंसलिंग से मिली मानसिक ताकत

सुमना ने अपने ट्यूटर की सलाह मानी और एक काउंसलर से मिले, जिन्होंने उन्हें अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने और अपने सपनों के पीछे जाने की प्रेरणा दी। काउंसलिंग के बाद सुमना ने तय किया कि उन्हें अपना सपना जरूर पूरा करना है, और उन्होंने मैथ्स को इसलिए चुना क्योंकि स्कूल में उनके एक अच्छे मैथ्स टीचर ने उन्हें प्रेरित किया था। सुमना को समाज में अपनी पहचान और सफलता के रास्ते में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उन्होंने जीवनभर के संघर्षों के बावजूद अपनी मेहनत और विश्वास से SET परीक्षा में सफलता हासिल की। जब उन्हें सफलता मिली, तो उनके आंसू छलक पड़े और वह मानने लगीं कि संघर्ष कभी बेकार नहीं जाता।

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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