SDPI कार्यालयों पर ED के छापे: रीजीजू ने कहा- तथ्यों एवं आंकड़ों पर कार्रवाई करती हैं एजेंसियां
punjabkesari.in Thursday, Mar 06, 2025 - 04:53 PM (IST)

नई दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने एसडीपीआई कार्यालयों पर ईडी की छापेमारी का बृहस्पतिवार को बचाव करते हुए कहा कि प्रवर्तन एजेंसियों की सभी कार्रवाई कुछ तथ्यों और आंकड़ों पर आधारित होती हैं। रीजीजू पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे और उनसे प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कथित राजनीतिक संगठन एसडीपीआई के खिलाफ धन शोधन जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी को लेकर सवाल पूछा गया था जसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा की गई सभी कार्रवाई कुछ तथ्यों और आंकड़ों पर आधारित होती हैं, जिन पर मैं टिप्पणी नहीं कर सकता।''
वह दक्षिणी क्षेत्र के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) पर क्षेत्रीय समीक्षा बैठक और प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग लेने के लिए तिरुवनंतपुरम में थे। भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल एसडीपीआई पर कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर रीजीजू ने कहा कि अवैध कृत्य के खिलाफ की गई किसी भी कार्रवाई को सांप्रदायिक मुद्दे के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए या उसे सांप्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए, चाहे उसमें पीएफआई या कोई अन्य संगठन शामिल हो।
जांच एजेंसियां अपना काम कर रही- रीजीजू
केंद्रीय मंत्री रीजीजू ने कहा, ‘‘यदि किसी ने कोई गलती की है, अपराध किया है या कानून का उल्लंघन किया है, तो कार्रवाई कानून के प्रावधानों के आधार पर होती है, न कि इस आधार पर कि कौन किस समुदाय से है?'' उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियां और अन्य एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरे पास टिप्पणी करने के लिए कोई विशेष बात नहीं है, क्योंकि मैं यहां विकास कार्यों के लिए आया हूं और मुझे उन मामलों के बारे में जानकारी नहीं दी गई है, जिनका आप उल्लेख कर रहे हैं।''
2009 में हुई थी SDPI की स्थापना
जांच एजेंसी द्वारा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एम के फैजी को गिरफ्तार किए जाने के बाद छापेमारी की गई। केंद्रीय एजेंसी ईडी ने तब दावा किया था कि दोनों संगठनों के बीच ‘‘नैसर्गिक'' संबंध हैं और पीएफआई अपनी आपराधिक गतिविधियों को राजनीतिक पार्टी के माध्यम से अंजाम दे रहा था। एसडीपीआई की स्थापना 2009 में हुई थी और इसका मुख्यालय दिल्ली में है। इस पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का राजनीतिक मोर्चा होने का आरोप लगाया जाता है, जिसे केंद्र सरकार ने सितंबर 2022 में प्रतिबंधित कर दिया था।