Economic Survey: सप्ताह में 55-60 घंटे से ज्यादा काम करना मेंटल हेल्थ के लिए हानिकारक
punjabkesari.in Friday, Jan 31, 2025 - 05:35 PM (IST)
नेशनल डेस्क: 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वे 2024-25 पेश किया, जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। इस सर्वे में विशेष ध्यान कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर दिया गया है। सर्वे में कहा गया कि यदि कोई कर्मचारी सप्ताह में 55-60 घंटे से अधिक काम करता है, तो यह उसकी मानसिक स्थिति पर बुरा असर डाल सकता है।
लंबे समय तक काम करने से मानसिक स्वास्थ्य पर असर
सर्वे में सैपियन लैब्स सेंटर फॉर ह्यूमन ब्रेन एंड माइंड द्वारा किए गए एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा गया है कि डेस्क पर लगातार और लंबे समय तक बैठना मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। अगर कोई कर्मचारी रोजाना 12 घंटे या उससे ज्यादा समय डेस्क पर बैठता है, तो उसे मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस अध्ययन में यह भी कहा गया कि इस प्रकार की समस्याएं तब और बढ़ सकती हैं जब कर्मचारी का काम लंबे समय तक लगातार चलता रहे।
मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए अच्छे सहयोग की आवश्यकता
सर्वे में यह भी सामने आया कि अच्छे मैनेजर और सहकर्मियों के साथ काम करने वाले कर्मचारियों का मानसिक स्वास्थ्य उन कर्मचारियों की तुलना में बेहतर होता है, जो खराब मैनेजर और सहकर्मियों के साथ काम करते हैं। अच्छे कार्य वातावरण में काम करने वाले कर्मचारी 33 प्रतिशत अधिक मानसिक भलाई का अनुभव करते हैं, जबकि खराब कार्य वातावरण में काम करने वाले कर्मचारी मानसिक रूप से कमजोर हो सकते हैं।
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सोशल इंटरएक्शन की महत्ता
काम के दौरान सामाजिक इंटरएक्शन का महत्व भी सर्वे में उजागर हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, जो कर्मचारी अपने काम पर गर्व महसूस करते हैं और उद्देश्य के साथ काम करते हैं, उनका मानसिक स्वास्थ्य उन कर्मचारियों से 33 प्रतिशत बेहतर होता है, जो इस प्रकार का अनुभव नहीं करते। इसके अलावा, सर्वे में यह भी कहा गया कि पूरी तरह से रिमोट वर्क मॉडल में काम करने वाले कर्मचारी उन कर्मचारियों की तुलना में मानसिक रूप से कमजोर होते हैं, जो इन-पर्सन या हाइब्रिड वर्क मॉडल में काम करते हैं। रिमोट वर्क में कर्मचारियों के पास सोशल इंटरएक्शन की कमी होती है, जो मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है।
हफ्ते में 70-90 घंटे काम करना हो सकता है हानिकारक
आर्थिक सर्वे में यह भी बताया गया कि यदि कर्मचारी हफ्ते में 70-90 घंटे काम करता है, तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। सर्वे में पीगा एफ और नाफ्रदी बी (2021) द्वारा किए गए अध्ययन का भी उल्लेख किया गया, जिसमें यह कहा गया कि काम के घंटों को उत्पादकता के संकेतक के रूप में देखा जाता है, लेकिन यह साफ किया गया कि अत्यधिक काम करने से मानसिक और शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
समाधान की आवश्यकता
इस सर्वे से यह संदेश मिलता है कि कर्मचारियों की मानसिक भलाई को सुनिश्चित करने के लिए उनके काम के घंटों में कटौती करना जरूरी हो सकता है। इसके साथ ही, कार्यस्थल पर अच्छे सहयोग, सामाजिक इंटरएक्शन और मानसिक भलाई के लिए सही वातावरण सुनिश्चित करना चाहिए।