दर्दनाक हादसा: नशे में धुत ड्राइवर ने ऑडी कार से 5 लोगों को रौंदा, नशे में था ड्राइवर

punjabkesari.in Sunday, Jul 13, 2025 - 08:45 AM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली के वसंत विहार इलाके में एक दर्दनाक और भयावह हादसा सामने आया है। मंगलवार देर रात करीब 1:45 बजे एक तेज रफ्तार सफेद रंग की ऑडी कार ने फुटपाथ पर सो रहे पांच लोगों को रौंद दिया। यह सभी मजदूर राजस्थान के रहने वाले थे जो दिल्ली में रोज़ी-रोटी के लिए मेहनत कर रहे थे। हादसे के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया और लोग घटनास्थल पर इकट्ठा हो गए। पुलिस के अनुसार, आरोपी ड्राइवर की पहचान उत्सव शेखर (उम्र 40 वर्ष) के रूप में हुई है जो द्वारका इलाके का निवासी है। हादसे के वक्त वह पूरी तरह नशे में था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया। मेडिकल जांच में भी यह स्पष्ट हो गया है कि उत्सव शराब के नशे में था। इस हादसे में घायल हुए लोगों की पहचान लाधी (40), उनकी 8 वर्षीय बेटी बिमला, पति साबामी उर्फ चिरमा (45), राम चंदर (45) और उनकी पत्नी नारायणी (35) के रूप में हुई है। ये सभी लोग दिल्ली में मजदूरी कर किसी तरह अपने परिवार का पेट पाल रहे थे और रोज की तरह रात को फुटपाथ पर सो रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कार बहुत तेज गति में थी और बिल्कुल कंट्रोल में नहीं थी। चालक का संतुलन बिगड़ा और कार सीधे फुटपाथ पर चढ़ गई। वहां सो रहे लोग कुछ समझ पाते उससे पहले ही कार ने एक के बाद एक सभी को रौंद दिया।

स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया

हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया। सभी घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है और डॉक्टर लगातार इलाज कर रहे हैं। खासकर बच्ची बिमला की हालत चिंताजनक बताई जा रही है।
 


पुलिस ने दर्ज किया केस, CCTV की जांच जारी

दिल्ली पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और घटनास्थल के आसपास लगे CCTV कैमरों की जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कार किस दिशा से आई और दुर्घटना के वक्त वहां और कौन मौजूद था। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या हादसे में किसी और की लापरवाही या साजिश शामिल है।

दिल्ली में बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं: नियमों का उल्लंघन बना आम

दिल्ली में नशे में ड्राइविंग और ओवरस्पीडिंग की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। सख्त कानूनों के बावजूद ऐसे हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे। सड़क पर सो रहे गरीब मजदूर, जिनके पास कोई और आश्रय नहीं होता, उनके लिए यह जानलेवा साबित हो रहा है।

 

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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