कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ी खबर, DCGI ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल को दी मंजूरी

punjabkesari.in Sunday, Jan 03, 2021 - 12:28 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत में कोरोना वायरस कोविड-19 की दो वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को लेकर आज नियामक की मंजूरी मिल गयी, जिससे कोरोना के टीकाकरण का रास्ता साफ हो गया है। भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) डॉ वेणुगोपाल जी सोमानी ने आज इस बाबत जानकारी दी। उन्होंने  बताया कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) ने भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन' और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की‘‘कोविशील्ड' के आपात इस्तेमाल को लेकर की गयी अपनी सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी की सिफारिश को मंजूरी दे दी है।

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विशेषज्ञ समिति ने की थी सिफारिश 
वेणुगोपाल ने बताया कि सीडीएससीओ की इस समिति में कई विषयों के विशेषज्ञ शामिल हैं। इस समिति ने शुक्रवार और शनिवार को बैठक की थी और अपनी तीन सिफारिशें पेश की थीं। इन सिफारिशों में दो कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दिये जाने और एक तीसरे चरण के मानव परीक्षण के लिए कैडिला हेल्थकेयर को मंजूरी दिये जाने की संबंध में थीं। इन तीनों सिफारिशों को सीडीएससीओ ने अनुमोदित किया है। उन्होंने बताया कि भारत बायोटक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड दो डोज में दी जाने वाली वैक्सीन है जबकि कैडिला हेल्थकेयर द्वारा विकसित की जा रही वैक्सीन तीन डोज वाली है।
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सुरक्षित है वैक्सीन: डॉ सोमानी 
डॉ सोमानी ने कहा कि पुणे की वैक्सीन निर्माता कंपनी एसआईआई ने दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोडर् यूनिवर्सिटी द्वारा प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के जरिये ‘कोविशील्ड' तैयार किया है। कंपनी ने विदेशों में 18 साल और उससे अधिक आयु के 23,745 वालंटियर पर किये गये क्लीनिकल परीक्षण का आंकड़ा पेश किया, जिसमें वैक्सीन के सुरक्षित होने, इसकी प्रभावोत्पादकता और रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने की क्षमता की जानकारी थी। कोविशील्ड 70.42 प्रतिशत प्रभावी पाया गया। इसके बाद, सीरम इंस्टीट्यूट को देश में 1,600 लोगों पर दूसरे और तीसरे चरण के मानव परीक्षण की अनुमति दी गयी। इस परीक्षण का अंतरिम परिणाम भी सीरम इंस्टीट्यूट ने पेश किया है।  

 

 800 लोगों पर किया गया परीक्षण
सभी परिणामों पर अच्छी तरह विचार करने के बाद सीडीएससीओ की विशेषज्ञ समिति ने कुछ नियामिकीय शर्तों के साथ कोविशील्ड के भारत में आपात इस्तेमाल किये जाने की सिफारिश की, जिसे मंजूरी दे दी गयी है। एसआईआई द्वारा देश में किया जा रहा परीक्षण अभी जारी रहेगा। डीसीजीआई ने बताया कि पुणे के नेशनल वाइरोलॉजी इंस्टीट्यूट से कोरोना वायरस का सीड प्राप्त करके हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सहयोग से ‘कोवैक्सीन' विकसित किया। कंपनी ने कई पशु प्रजातियों पर इसका परीक्षण किया और संबंधित परिणाम सीडीएससीओ के समक्ष पेश किये। कोवैक्सीन का पहले और दूसरे चरण का मानव परीक्षण करीब 800 लोगों पर किया गया और पाया गया कि यह वैक्सीन सुरक्षित है तथा इससे व्यक्ति के शरीर में पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडीज का निर्माण होता है। इस वैक्सीन का तीसरे चरण का मानव परीक्षण फिलहाल अभी भारत में जारी है। 

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सभी दस्तावेजों की समीक्षा के बाद मिली मंजूरी 
यह परीक्षण 25,800 वालंटियर पर किया जाना है, जिनमें से 22,500 वालंटियर को वैक्सीन का डोज दिया जा चुका है। अब तक प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक कोवैक्सीन एक सुरक्षित वैक्सीन है। विशेषज्ञ समिति ने सभी दस्तावेजों की समीक्षा के बाद कोवैक्सीन के भी आपात इस्तेमाल को मंजूरी दिये जाने की सिफारिश की थी और यह सिफारिश भी अनुमोदित कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा कैडिला हेल्थकेयर भी एक कोरोना वैक्सीन विकसित कर रही है। कंपनी 1,000 से अधिक वालंटियर पर पहले और दूसरे चरण का मानव परीक्षण कर रही है और इसने भारत में 26,000 वालंटियर पर तीसरे चरण का मानव परीक्षण करने की अनुमति मांगी थी। अंतरिम रिपोटर् के मुताबिक यह वैक्सीन भी सुरक्षित है और यह तीन डोज में दी जाने वाली वैक्सीन है। विशेषज्ञ समिति ने इसे तीसरे चरण के परीक्षण की अनुमति दिये जाने की सिफारिश की थी और यह सिफारिश भी सीडीएससीओ ने अनुमोदित कर दी है। कोवैक्सीन, कोविशील्ड और कैडिला हेल्थकेयर द्वारा विकसित की जा रही वैक्सीन, तीनों को दो से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान में रखना होगा।

 

 

 


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vasudha

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