सावधान हो जाएं शराब पीने के शौकीन! ओरल कैंसर ने मचाया तांडव, अब 9 एमएल से भी कम पीने पर भी...
punjabkesari.in Sunday, Dec 28, 2025 - 01:55 PM (IST)
Bad news for drinkers : अगर आप मानते हैं कि कभी-कभार या कम मात्रा में शराब पीना सेहत के लिए नुकसानदेह नहीं है तो सावधान हो जाइए। टाटा मेमोरियल कैंसर इंस्टीट्यूट (ACTREC) के एक ताज़ा अध्ययन ने इस धारणा को पूरी तरह बदल दिया है। शोध के अनुसार शराब की मात्रा कितनी भी कम क्यों न हो वह शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को सक्रिय करने के लिए काफी है।
रिसर्च के चौंकाने वाले आंकड़े
खारघर स्थित सेंटर फॉर कैंसर एपिडेमियोलॉजी द्वारा किए गए इस अध्ययन में 1803 ओरल कैंसर के मरीजों और 1903 स्वस्थ व्यक्तियों के डेटा का विश्लेषण किया गया। यदि कोई व्यक्ति रोजाना 9 मिलीलीटर (ML) से कम शराब भी पीता है, तो उसे कैंसर होने का जोखिम 56 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। अलग-अलग तरह की शराब पीने से कैंसर का खतरा इस प्रकार बढ़ता है:
| शराब की किस्म | कैंसर का बढ़ा हुआ जोखिम (%) |
| देसी थर्रा | 209% |
| बीयर | 91% |
| व्हिस्की | 78% |
| वाइन | 42% |
| वोडका | 35% |
| रम | 31% |
भारत में ओरल कैंसर का तांडव
अध्ययन में पाया गया कि भारत में शराब और तंबाकू के सेवन के कारण मुंह का कैंसर (Oral Cancer) महामारी का रूप ले रहा है। भारत में प्रति 1 लाख पुरुषों में औसतन 15 लोग ओरल कैंसर का शिकार हो रहे हैं। कुछ शहरों में यह आंकड़ा बढ़कर 30 तक पहुंच गया है। टाटा मेमोरियल सेंटर के निदेशक डॉ. सुदीप गुप्ता के अनुसार शराब केवल मुंह का ही नहीं बल्कि शरीर के 7 अन्य अंगों (जैसे लिवर, ब्रेस्ट, और पेट) के कैंसर के लिए भी जिम्मेदार है।
एक लाख जानें बचाना संभव
सेंटर फॉर कैंसर एपिडेमियोलॉजी के निदेशक डॉ. राजीव दीक्षित ने बताया कि भारत में हर साल ओरल कैंसर के लगभग 1.5 लाख मामले सामने आते हैं। यह शोध स्पष्ट करता है कि शराब का कोई भी सुरक्षित स्तर (Safe Level) नहीं होता। यह न केवल शरीर के डीएनए को नुकसान पहुंचाती है बल्कि कैंसर से लड़ने की शरीर की क्षमता को भी खत्म कर देती है।
