Donald Trump ने कनाडा का मैप शेयर कर लिखा 'State of USA', कनाडाई नेताओं ने दिया कड़ा जवाब

punjabkesari.in Wednesday, Jan 08, 2025 - 02:01 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने पहले कार्यकाल के दौरान लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। हाल ही में, उन्होंने सोशल मीडिया पर कनाडा का एक मैप शेयर किया, जिस पर उन्होंने ‘स्टेट ऑफ USA’ (यूएसए का राज्य) लिखा। इसके बाद कनाडा के नेताओं ने उनकी टिप्पणी पर तीव्र प्रतिक्रिया दी, जिससे एक नया अंतरराष्ट्रीय विवाद उत्पन्न हो गया।

कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की योजना 
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट्स पर दो मैप्स पोस्ट किए। पहले मैप में कनाडा को अमेरिका के हिस्से के रूप में दिखाया गया था, जबकि दूसरे में ट्रंप ने कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की अपनी योजना का इशारा किया। इस विवादास्पद कदम के बाद कनाडा के विभिन्न नेताओं ने ट्रंप के बयान को न केवल अपमानजनक माना, बल्कि इसे उनकी गलत समझ का परिणाम भी बताया। 

कनाडा एक स्वतंत्र राष्ट्र है और हम अमेरिका के...
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ट्रंप की टिप्पणियों पर त्वरित प्रतिक्रिया दी और स्पष्ट किया कि कनाडा का अमेरिका का 51वां राज्य बनने का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा, "कनाडा एक संप्रभु राष्ट्र है और हमारी संप्रभुता को किसी भी दबाव से चुनौती नहीं दी जा सकती।" कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने भी इस मामले में बयान दिया और ट्रंप की टिप्पणियों को गलत और अप्रासंगिक बताया। जोली ने ट्वीट कर कहा, "ट्रंप की टिप्पणियों से साफ जाहिर होता है कि उन्हें कनाडा की राजनीतिक और आर्थिक ताकत का कोई अंदाजा नहीं है। हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत है और हम किसी भी धमकी के सामने झुकने वाले नहीं हैं।" इसके अलावा, कनाडा में विपक्षी पार्टी के नेता पियर पॉलिवेयर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "कनाडा एक स्वतंत्र राष्ट्र है और हम अमेरिका के सबसे अच्छे दोस्त हैं। हमने हमेशा अमेरिका की मदद की है, और ऐसे बयान हमारी साझेदारी को कमजोर करते हैं।"

ट्रंप के आरोप पर ट्रूडो का जवाब
यह विवाद अकेला नहीं है। ट्रंप और ट्रूडो के रिश्ते पहले से ही व्यापारिक विवादों के कारण तनावपूर्ण रहे हैं। एक हालिया घटना में, जब ट्रूडो फ्लोरिडा में ट्रंप से मिले थे, ट्रंप ने मजाक में उन्हें कनाडा का 'गवर्नर' कहा और यह भी सुझाव दिया कि कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बन जाना चाहिए। इस बात को ट्रूडो ने हल्के में लिया, लेकिन यह संकेत करता है कि ट्रंप के मन में कनाडा के प्रति इस प्रकार की सोच मौजूद हो सकती है। यह सब तब हुआ जब ट्रंप ने कनाडा से अमेरिका में आयात होने वाले उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी थी, और इसके पीछे उन्होंने अवैध प्रवासियों के मुद्दे का हवाला दिया था। ट्रंप का आरोप था कि कनाडा अपने अवैध प्रवासियों को काबू करने में असफल रहा है, जिसके कारण अमेरिका में समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। ट्रूडो ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा था कि कनाडा अपने लोगों की सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए कड़ी कार्रवाई कर रहा है।



कनाडा एक विकसित और मजबूत अर्थव्यवस्था है
कनाडा ने हमेशा अपने संप्रभुता की रक्षा की है, और वह किसी भी प्रकार के बाहरी दबाव के सामने नहीं झुका है। कनाडा एक विकसित और मजबूत अर्थव्यवस्था है, और अमेरिका से उसका व्यापारिक संबंध भी बहुत मजबूत है। कनाडा और अमेरिका के बीच का संबंध पिछले कई दशकों से घनिष्ठ रहा है, लेकिन ट्रंप के इस तरह के बयान से दोनों देशों के रिश्तों में दरार आ सकती है। कनाडा का साफ संदेश यह है कि वह अपनी स्वतंत्रता और संप्रभुता से समझौता करने के लिए तैयार नहीं है। अमेरिका की एक राज्य बनने का विचार न केवल कनाडा के लिए अपमानजनक है, बल्कि यह अमेरिकी विदेश नीति की भी गलत दिशा में इशारा करता है। 

भविष्य में क्या हो सकता है?
यह घटनाक्रम अमेरिकी-कनाडाई संबंधों में एक नया मोड़ ला सकता है। हालांकि, यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि ट्रंप की टिप्पणियां शायद एक रणनीतिक बयानबाजी का हिस्सा हो सकती हैं, जिसका उद्देश्य अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करना हो सकता है। लेकिन यह बात भी सच है कि दोनों देशों के बीच राजनीतिक, व्यापारिक और कूटनीतिक मुद्दों पर स्पष्टता और सहमति की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह के विवादों से बचा जा सके। कनाडा और अमेरिका दोनों ही देशों के बीच सहयोग और साझेदारी महत्वपूर्ण है, और इस प्रकार के बयान सिर्फ अनावश्यक तनाव उत्पन्न करते हैं। आने वाले समय में देखना होगा कि क्या ट्रंप अपनी विदेश नीति में इस तरह की बयानबाजी को जारी रखते हैं या दोनों देशों के रिश्तों को सुधारने के लिए कोई ठोस कदम उठाते हैं।


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Content Editor

Mahima

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