भारत के डॉक्टरों ने इराक की बच्ची के चेहरे पर लौटाई 'मुस्कान'
punjabkesari.in Saturday, Aug 17, 2024 - 05:18 PM (IST)
International Desk: भारत के डाक्टरों ने इराक से आई 6 साल की बच्ची के चेहरे पर मुस्कान वापस लाकर उसे एक नई उम्मीद दी है। जन्मजात बीमारी से जूझ रही इस बच्ची रईमास अली करीम का मुंबई के डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक सर्जरी करके इलाज किया है। हालांकि, चेहरे की पूरी मूवमेंट के लिए अगले साल एक और सर्जरी की जाएगी।
इराक में पैदा हुई रईमास अपने चेहरे के बाएं हिस्से में एक दुर्लभ जन्मजात विकृति से पीड़ित थी, जिसके कारण उसके चेहरे में संक्रमण और खून बहता रहता था। इस समस्या ने उसे कई वर्षों तक परेशान किया। इराक में उस समय की स्थितियों के कारण बच्ची का इलाज संभव नहीं था। इसके बावजूद, पिता ने तमाम चुनौतियों को पार करते हुए अपनी बेटी को इलाज के लिए मुंबई लाने का फैसला किया। जुलाई 2019 में प्लास्टिक सर्जन डॉ. निलेश सतभाई ने बच्ची की सर्जरी की और उसे इलाज दिया। हालांकि, कोविड-19 महामारी और इराक में युद्ध की स्थिति के कारण उसका इलाज समय पर नहीं हो सका।
अपनी बेटी की बेहतरीन देखभाल और दृढ़ संकल्प के साथ, पिता मई 2024 में फिर से इराक से भारत लौट आए। डॉ. सतभाई ने 30 मई 2024 को दो चरणों में होने वाली सर्जरी का पहला चरण पूरा किया, जिसमें क्रॉस-फेशियल नर्व ग्राफ्टिंग शामिल थी। सर्जरी सफल रही और रईमास को 3 दिनों के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। डॉ. सतभाई ने बताया कि अप्रैल 2025 में सर्जरी के दूसरे चरण से पहले, नसों की रिकवरी के लिए 8 से 10 महीने का इंतजार किया जाएगा। इसमें बच्ची के पैर से चेहरे के लिए मांसपेशियों का ट्रांसप्लांट किया जाएगा, जिससे चेहरे की मूवमेंट और समरूपता को बहाल किया जाएगा।
रईमास के पिता ने डॉक्टरों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, "अपनी बेटी की तकलीफ देखकर मैं बेहद डर गया था। इराक में युद्ध के कारण घर से बाहर निकलना खतरनाक था, लेकिन बेटी का इलाज करवाना भी जरूरी था। डॉ. सतभाई और उनकी टीम की बदौलत अब मेरी बेटी मुस्करा सकती है, खा सकती है और बोल सकती है। मुझे उम्मीद है कि जैसे मेरी बेटी की हालत सुधरी है, वैसे ही हमारे देश का संघर्ष भी खत्म हो जाएगा।"