डॉक्टर रणदीप गुलेरिया बने AIIMS के डायरेक्टर, PGI के रह चुके हैं स्टूडेंट

punjabkesari.in Saturday, Mar 25, 2017 - 04:28 PM (IST)

चंडीगढ़ : डॉक्टर रणदीप गुलेरिया अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के नए डायरेक्टर नियुक्त किए गए हैं। देश-विदेश के 53 डॉक्टरों में से प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कमिटी (एसीसी) ने डॉक्टर गुलेरिया के नाम पर अपनी मुहर लगा दी है। पीजीआई के मेडिसिन विभाग में एमडी और पल्मनरी इन मेडिसिन में डीएम के स्टूडेंट रहे डॅा. रणदीप गुलेरिया को शुक्रवार को एम्स का डायरेक्टर चुना गया। पीजीआई में उनके टीचर रहे व पल्मनरी मेडिसिन के एचओडी डॉ. डी बेहरा ने बताया कि डॉ. गुलेरिया बहुत ही मेहनती व काबिल डॉक्टर हैं।

 

वर्ष 1989 में उन्होंने पल्मनरी इन मेडिसिन के कोर्स में दाखिला लिया था। वर्ष 1991 में जब पासआउट हुए तो वे देश के पहले डीएम (डाक्टोरेट आफ मेडिसिन) डिग्री हासिल करने वाले स्टूडेंट बन गए। उसके बाद उनकी नियुक्ति एम्स के मेडिसिन डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर हुई। AIIMS में पल्मनरी डिपार्टमेंट शुरू करने वाले डॉ. गुलेरिया ने शुक्रवार की शाम को ही डायरेक्टर के तौर पर अपना पदभार ग्रहण कर लिया। डॉक्टर गुलेरिया अगले पांच साल तक के लिए AIIMS के डायरेक्टर रहेंगे।

 

पद्मश्री और बीसी रॉय अवार्ड से सम्मानित डॉक्टर गुलेरिया AIIMS के पल्मनरी ऐंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन के एचओडी हैं। उनके ही प्रयास से साल 2011 में यह डिपार्टमेंट बनाया गया था। गुलेरिया देश के पहले डॉक्टर हैं, जिन्होंने पल्मनरी ऐंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन में डीएम की डिग्री हासिल की थी। साल 1992 में उन्होंने AIIMS के मेडिसिन डिपार्टमेंट में बतौर असिस्टेंट प्रफेसर जॉइन किया था।

 

गुलेरिया भारत सरकार में बर्ड फ्लू और इबोला जैसे खतरनाक बीमारी के लिए बनाई गई कमिटी में मेंबर भी हैं। वह 1998 से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पर्सनल फिजिशन भी हैं। गुलेरिया को रेस्पिरेटरी मेडिसिन में उनके काम के लिए जाना जाता है। अब तक नैशनल और इंटरनैशनल लेवल पर उनके 400 पब्लिकेशन हैं।

 

हालांकि, डॉक्टर गुलेरिया के सामने AIIMS के डायरेक्टर के रूप में कई चुनौतियां होगीं। पिछले कुछ दिनों से AIIMS में इंटरनल राजनीति काफी ज्यादा हो गई है। नर्सों की स्ट्राइक, रेजिडेंट डॉक्टरों की ओर से सुविधाओं में कमी की बात उठाना, गायनी डिपार्टमेंट और ऐनेस्थीसिया डिपार्टमेंट में डॉक्टरों के बीच मतभेद जैसी चुनौती के अलावा आम जनता के लिए बेहतर माहौल बनाना भी अहम चुनौती होगी।


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