जिस दिन तुम्हारे सिग्नेचर ऑटोग्राफ बन जाएं, समझो तुम सफल हो गए: डॉ कलाम

punjabkesari.in Tuesday, Oct 15, 2019 - 09:59 AM (IST)

नेशनल डेस्क: मिसाइल मैन डॉक्टर ए. पी.जे. अब्दुल कलाम ने अपना पूरा जीवन सादगी और साधारण तरीके से बिताया। कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर अवुल पकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम न सिर्फ एक महान वैज्ञानिक, प्रेरणादायक नेता थे बल्कि अद्भुत इंसान भी थे। उन्होंने जिन लोगों के साथ भी काम किया उनके दिलों को छू लिया। दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की आज जन्मदिवस है। 15 अक्तूबर, 1931 में रामेश्वरम में जन्मे कलाम को 27 जुलाई 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान, शिल्लांग में अध्यापन कार्य के दौरान दिल का दौरा पड़ा था जिसके बाद वे दुनिया को अलविदा कह गए। डॉ कलाम उस दिन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, शिलांग में 'पृथ्‍वी को रहने लायक कैसे बेहतर बनाया जाए' टॉपिक पर लेक्चर दे रहे थे, जब वे स्टेज पर ही गिर पड़े थे।

PunjabKesari

डॉक्टर कलाम ने जिंदगी में नहीं मानी कभी हार

15 अक्तूबर 1931 को धनुषकोडी गांव (रामेश्वरम, तमिलनाडु) में एक मध्यमवर्ग परिवार में जन्मे कलाम ने अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए अखबार तक बेचने का काम किया। वे हमेशा कहते थे कि जब तुम्हारे साइन ऑटोग्राफ बन जाए तो समझो तुम सफल हो गए। डॉ कलाम को पढ़ने का और हमेशा कुछ नया करने काफी जुनून रहता था। वे बच्चों और युवाओं को हमेशा किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करते थे। उनका कहना था कि एक अच्छी पुस्तक हजार दोस्तों के बराबर होती है, जबकि एक अच्छा दोस्त एक लाइब्रेरी (पुस्तकालय) के बराबर होता है।

PunjabKesari

डॉ ए. पी.जे कलाम की कलाम की लेखनी भी कमाल

डॉ कलाम की लेखनी भी कमाल की थी, उन्होंने अपने शोध को चार उत्कृष्ट पुस्तकों में समाहित किया था- 'विंग्स ऑफ़ फायर', 'इण्डिया 2020- ए विजन फ़ॉर द न्यू मिलेनियम', 'माई जर्नी' तथा 'इग्नाटिड माइंड्स- अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया'। इन पुस्तकों का कई भारतीय तथा विदेशी भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। कलाम भारत के ऐसे विशिष्ट वैज्ञानिक थे जिन्हें 30 विश्वविद्यालयों और संस्थानों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिल चुकी थी। अब्दुल कलाम कुरान और भगवद् गीता दोनों का अध्ययन करते थे।



PunjabKesari

डॉ. कलाम की जिंदगी से जुड़े कुछ प्रेरणादायक

  • एक बार डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) में उनकी टीम बिल्डिंग की सुरक्षा को लेकर चर्चा कर रही थी। टीम ने सुझाव दिया कि बिल्डिंग की दीवार पर कांच के टुकड़े लगा देने चाहिए लेकिन डॉ कलाम ने टीम के इस सुझाव को ठुकरा दिया और कहा कि अगर हम ऐसा करेंगे तो इस दीवार पर पक्षी नहीं बैठेंगे।

  • डीआरडीओ के पूर्व चीफ की मानें तो 'अग्नि' मिसाइल के टेस्ट के समय कलाम काफी नर्वस थे। उन दिनों वे अपना इस्तीफा अपने साथ लिए घूमते थे। उनका कहना था कि अगर कुछ भी गलत हुआ तो वे इसकी जिम्मेदारी लेंगे और अपना पद छोड़ देंगे।

  • एक बार कुछ नौजवानों ने डॉ कलाम से मिलने की इच्छा जताई इसके लिए उन्होंने उनके ऑफिस में एक पत्र लिखा। कलाम ने राष्ट्रपति भवन के पर्सनल चैंबर में उन युवाओं से न सिर्फ मुलाकात की बल्कि काफी समय उनके साथ गुजार कर उनके आइडियाज भी सुनें। आपको बता दें कि डॉ कलाम ने पूरे भारत में घूमकर करीब 1 करोड़ 70 लाख युवाओं से मुलाकात की थी।

  • डीआरडीओ में काम का काफी दवाब रहता था। एक बार साथ में काम करने वाला एक वैज्ञानिक उनके पास आया और बोला कि उसे समय से पहले घर जाना है। दरअसल वैज्ञानिक को अपने बच्चों को प्रदर्शनी दिखानी थी। डॉ कलाम ने उसे अनुमति दे दी लेकिन काम के चक्कर में वह भूल गया कि उसे जल्दी घर जाना है। बाद में उसे बड़ा बुरा लगा कि वो अपने बच्चों को प्रदर्शनी दिखाने नहीं ले जा सका। जब वह घर गया तो पता चला कि कलाम के कहने पर मैनेजर उसके बच्चों को प्रदर्शनी दिखाने ले जा चुका था।

  • साहस पर डॉ कलाम ने अपनी एक किताब में एक घटना का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि जब वे SU-30 MKI एयर क्राफ्ट उड़ा रहे थे तो एयर क्राफ्ट के नीचे उतरने पर कई नौजवान और मीडिया के लोग उनसे बातें करने लगे। एक ने कहा कि आपको 74 साल की उम्र में सुपरसोनिक फाइटर एयरक्राफ्ट चलाने में डर नहीं लगा? इस पर डॉ कलाम का जवाब था, '40 मिनट की फ्लाइट के दौरान मैं यंत्रों को कंट्रोल करने में व्यस्त रहा और इस दौरान मैंने डर को अपने अंदर आने का समय ही नहीं दिया।'

PunjabKesari

डॉ. कलाम के ये मंत्र जो करियर और लाइफ को करते हैं मोटिवेट

  • जिस दिन हमारे सिग्नेचर ऑटोग्राफ में बदल जाएं, मान लीजिए आप कामयाब हो गए।
  • इंतजार करने वालों को सिर्फ उतना ही मिलता है जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं।
  • देश का अच्छा दिमाग क्लास रूम की आखिरी बेंच पर भी मिल सकता है।
  • आप अपने काम से प्यार करें, कंपनी से नहीं क्योंकि आप नहीं जानते कब आपकी कंपनी आपको प्यार करना बंद कर दे।
  • अपनी पहली सफलता के बाद आराम मत करो क्योंकि दूसरी बार में असफल हुए तो बहुत से होंठ ये कहने के इंतजार में होंगे कि आपकी पहली सफलता केवल एक तुक्का थी।
  • सपने वो नहीं जो आप सोते समय देखते हैं, बल्कि सपने वो हैं जो आपको सोने नहीं देते।
    PunjabKesari

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Seema Sharma

Recommended News

Related News